महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए RSS का बड़ा जनसंपर्क अभियान शुरू
महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने एक व्यापक जनसंपर्क अभियान शुरू किया है। इस अभियान का उद्देश्य राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और महायुति गठबंधन के पक्ष में हिंदू मतदाताओं को संगठित करना है।
संघ ने महाराष्ट्र के 65 से अधिक मित्र संगठनों के माध्यम से ‘सजग रहो’ अभियान चलाने की घोषणा की है, जिसका मकसद न केवल भाजपा के चुनावी प्रयासों को समर्थन देना है बल्कि हिंदुओं के बीच जातिगत विभाजन को खत्म कर उन्हें संगठित करना भी है। संघ ने इस अभियान के तहत राज्य के सभी चार प्रमुख क्षेत्रों—कोंकण, देवगिरि, पश्चिम महाराष्ट्र, और विदर्भ—में छोटे-बड़े स्तर पर बैठकों का आयोजन किया है।
इस अभियान के तहत ‘सजग रहो’ और ‘एक है तो सुरक्षित है’ जैसे नारों को प्रचारित किया जा रहा है। शुक्रवार, 8 नवंबर को महाराष्ट्र में एक रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ‘एक है तो सुरक्षित है’ का उल्लेख करते हुए विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधा और लोगों को एकजुट रहने का संदेश दिया।
आरएसएस ने अपनी पहल को किसी के खिलाफ नहीं बल्कि हिंदू समाज में एकता स्थापित करने का प्रयास बताया है। अभियान का नेतृत्व आरएसएस स्वयंसेवकों और 65 गैर-सरकारी संगठनों द्वारा किया जा रहा है, जिसमें चाणक्य प्रतिष्ठान, मातंग साहित्य परिषद, और रणरागिनी सेवाभावी संस्था जैसे समूह भी शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार, संघ महाराष्ट्र में पचास हजार से अधिक स्थानों पर बैठकें करेगा। इन बैठकों में स्थानीय लोगों के साथ चर्चा की जाएगी और उन्हें चुनावों में भाजपा के पक्ष में मतदान के लिए प्रेरित किया जाएगा। संघ इस अभियान को “मालेगांव मॉडल” के नाम से भी संबोधित कर रहा है, जिसका उद्देश्य ‘विभाजित’ हिंदू समाज को संगठित करना और उन्हें एक मजबूत मतदाता समूह बनाना है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, आरएसएस ने आधिकारिक रूप से इस अभियान को स्वीकार नहीं किया है, लेकिन इसे “स्वयंसेवकों की पहल” के रूप में बताया है। महाराष्ट्र चुनाव संघ और भाजपा के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि राज्य में नागपुर आरएसएस का मुख्यालय है।