पंकजा मुंडे ने ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे से किया किनारा, कहा- ‘महाराष्ट्र में विकास पर होनी चाहिए राजनीति’
बीजेपी की राष्ट्रीय महासचिव और महाराष्ट्र विधान परिषद सदस्य पंकजा मुंडे ने योगी आदित्यनाथ के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे से खुद को अलग कर लिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे इस नारे का समर्थन नहीं करतीं, क्योंकि उनकी राजनीति का लक्ष्य लोगों को जोड़ना है, बांटना नहीं। पंकजा मुंडे ने कहा कि महाराष्ट्र में केवल विकास पर ध्यान देना चाहिए और ऐसे नारों से बचना चाहिए जो समाज को बांटने का काम करें।
पंकजा मुंडे महायुति गठबंधन की पहली नेता हैं, जिन्होंने खुले तौर पर इस नारे से किनारा किया है। उन्होंने कहा, “मैं केवल पार्टी से जुड़े होने के कारण इस नारे का समर्थन नहीं कर सकती। मोदी जी ने सबके लिए काम किया है, बिना किसी जाति या धर्म का भेदभाव किए। महाराष्ट्र की राजनीति में विकास ही प्राथमिकता होनी चाहिए।”
इससे पहले एनसीपी नेता अजित पवार ने भी इसी नारे पर आपत्ति जताई थी, उन्होंने कहा कि “यह नारा महाराष्ट्र की धरती पर नहीं चलेगा।” पवार ने कहा कि महायुति में काम करने के बावजूद उनकी विचारधारा अलग है।
योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए इस नारे पर विपक्षी नेताओं ने भी सवाल उठाए हैं। समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस नारे की आलोचना करते हुए कहा कि बीजेपी समाज में विभाजन की राजनीति कर रही है।