तबलीगी इज्तेमा में हिंदू दुकानदारों का स्वागत, धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर गरमाई राजनीति
प्रयागराज में महाकुंभ में मुस्लिम दुकानदारों पर रोक लगाने की मांग करने वाले बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री के बयान के बाद भोपाल में आयोजित तबलीगी इज्तेमा में हिंदू दुकानदारों को दुकान लगाने की अनुमति दी गई है। तबलीगी इज्तेमा कमेटी ने कहा, “हम धर्म देखकर दुकान लगाने की अनुमति नहीं देते, बल्कि कहते हैं – मेरे अंगने में तुम्हारा स्वागत है।“
राजनीतिक प्रतिक्रियाओं का दौर
तबलीगी इज्तेमा कमेटी के बयान के बाद राजनीतिक और सामाजिक विवाद शुरू हो गया। बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा, “यह बेवजह की राजनीति है। हिंदुओं को भारत में दुकान लगाने के लिए किसी की अनुमति की जरूरत नहीं है।” उन्होंने महाकुंभ को विशेष धार्मिक महत्व का बताते हुए इसे अन्य मेलों से अलग बताया।
संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने कहा, “धीरेंद्र शास्त्री के बयान के बाद हिंदू दुकानदारों को इज्तेमा में अनुमति दी जा रही है। पहले ऐसा नहीं होता था।”
कांग्रेस और तबलीगी कमेटी का पक्ष
कांग्रेस नेता अब्बास हाफिज ने बीजेपी पर समाज को बांटने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “हिंदू-मुस्लिम एक-दूसरे के साथ मेलों में दुकान लगाते आए हैं। अयोध्या में भी 80% फूलों की दुकानें मुस्लिमों की हैं।”
तबलीगी इज्तेमा कमेटी के उमर हाफिज ने स्पष्ट किया कि दुकान आवंटन धर्म के आधार पर नहीं होता। उन्होंने कहा, “हम सामान का मूल्य तय करते हैं और उसी पर बेचने की अनुमति देते हैं। हमारा संदेश है – मेरे अंगने में तुम्हारा स्वागत है।“
तबलीगी इज्तेमा: आयोजन की तैयारियां जोरों पर
भोपाल में 1 दिसंबर से आयोजित हो रहे तबलीगी इज्तेमा में 10 लाख से अधिक लोगों के आने की उम्मीद है। 25,000 वालंटियर्स व्यवस्थाओं में जुटे हैं, जबकि सुरक्षा के लिए 1,500 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। भोपाल के पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने मंगलवार को स्थल का निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा लिया।
धर्म और राजनीति के बीच बढ़ता विवाद
धीरेंद्र शास्त्री और तबलीगी इज्तेमा कमेटी के बयानों के बाद हिंदू और मुस्लिम संगठनों में गहमागहमी बढ़ गई है। इस पूरे मामले ने धार्मिक आयोजनों में राजनीति और सामाजिक समरसता पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।