जलगांव विधानसभा चुनाव परिणामों पर महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवारों ने जताया संदेह, पुनर्मतगणना की मांग
हाल ही में संपन्न हुए जलगांव जिले के विधानसभा चुनावों में महायुति गठबंधन की अभूतपूर्व सफलता ने महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवारों में संशय उत्पन्न कर दिया है। जिले के तीन महाविकास अघाड़ी के पराजित उम्मीदवारों ने चुनाव परिणामों पर सवाल उठाते हुए पुनर्मतगणना की मांग की है। इन उम्मीदवारों ने इस प्रक्रिया के लिए आवश्यक शुल्क भी अदा किया है।
महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवारों का पुनर्मतगणना के लिए आवेदन
जलगांव जिले में महायुति गठबंधन ने सभी 11 सीटों पर जीत हासिल की है, जो महाविकास अघाड़ी के लिए एक बड़ा झटका है। मुक्ताईनगर विधानसभा क्षेत्र में शिंदे गुट के चंद्रकांत पाटिल ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की रोहिणी खडसे को हराया। खडसे ने चुनाव परिणामों पर आपत्ति जताई है और 16 मतदान केंद्रों की वोटिंग मशीनों और वीवीपैट पर्चियों की गहन जांच की मांग की है।
खडसे ने जलगांव जिला कलेक्टर के कार्यालय में चुनाव शाखा को अपना अनुरोध पत्र प्रस्तुत किया और इस प्रक्रिया के लिए 7.55 लाख रुपये की फीस भी जमा की है। खडसे का कहना है कि उनके प्रतिद्वंद्वी द्वारा सोशल मीडिया पर वायरल की गई पोस्ट में प्रत्येक बूथ के लिए अपेक्षित वोटों की संख्या दी गई थी, और उनके प्रतिद्वंद्वी को प्राप्त वास्तविक वोट इन अनुमानित संख्याओं से मेल खाते थे, जिससे चुनाव की ईमानदारी पर सवाल खड़े हो गए हैं।
अन्य पराजित उम्मीदवारों की पुनर्मतगणना की मांग
एरंडोल विधानसभा क्षेत्र के पराजित उम्मीदवार डॉ. सतीश पाटिल ने भी 4 से 5 बूथों पर पुनर्मतगणना की मांग की है और इसके लिए 45 हजार रुपये की फीस भी अदा की है। पाटिल का कहना है कि एरंडोल उनका पारंपरिक गढ़ है और इस क्षेत्र में हारने पर उन्हें संदेह है।
इसके अलावा, पाचोरा विधानसभा क्षेत्र में ठाकरे गुट की वैशाली सूर्यवंशी और शिंदे गुट के किशोर पाटिल के बीच कड़ी टक्कर थी, लेकिन पाटिल ने सूर्यवंशी को महत्वपूर्ण अंतर से हराया। नतीजतन, सूर्यवंशी ने भी चुनाव परिणामों पर आपत्ति जताई है और पुनर्मतगणना के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी के पास आवेदन दायर किया है।
चुनाव प्रक्रिया पर सवाल और तनावपूर्ण माहौल
महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवारों द्वारा पुनर्मतगणना की मांग के बाद, जिले में चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं। इसके अलावा, इस स्थिति ने इलाके में तनावपूर्ण माहौल भी पैदा कर दिया है। चुनाव अधिकारियों को उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले की उचित जांच की जाएगी और चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।