EVM छेड़छाड़ के दावे पर कार्रवाई, सैयद शुजा पर चुनाव आयोग का शिकंजा
मशहूर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को लेकर सैयद शुजा के विवादित दावों ने देशभर में सनसनी मचा दी है। शुजा ने दावा किया है कि वह ईवीएम की फ्रीक्वेंसी के साथ छेड़छाड़ कर इसे हैक कर सकता है। इस दावे का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
चुनाव आयोग ने शुजा के दावे को ‘झूठा और निराधार’ बताते हुए महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की शिकायत पर मुंबई साइबर पुलिस में उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। अधिकारियों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब शुजा ने ऐसा दावा किया हो। इससे पहले 2019 में भी दिल्ली में उसके खिलाफ इसी तरह के दावे को लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी।
चुनाव आयोग का बयान
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि ईवीएम ऐसी मशीन है जो किसी नेटवर्क (वाई-फाई या ब्लूटूथ) से नहीं जुड़ी होती, और इसे हैक करना असंभव है। आयोग ने यह भी कहा कि इस तरह के दावों का मकसद देश की चुनावी प्रक्रिया को बदनाम करना है। सुप्रीम कोर्ट ने भी ईवीएम की विश्वसनीयता पर भरोसा जताया है।
सख्त कार्रवाई की तैयारी
अधिकारियों ने बताया कि मुंबई और दिल्ली पुलिस मामले की सक्रियता से जांच कर रही हैं। “इस तरह की दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा,” अधिकारी ने कहा।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
शुजा के दावे के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। कुछ लोग ईवीएम की सुरक्षा पर सवाल उठा रहे हैं, तो वहीं अधिकांश लोग इसे सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का प्रयास बता रहे हैं।
क्या है ईवीएम?
ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) भारतीय चुनाव प्रक्रिया का अहम हिस्सा है। इसे नेटवर्क से अलग रखने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है, जिससे छेड़छाड़ की कोई गुंजाइश नहीं रहती।
चुनाव आयोग ने जनता से अपील की है कि वे ऐसे झूठे दावों पर विश्वास न करें और देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अपना भरोसा बनाए रखें।