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भाईचारे कीअनूठी पहल: मुस्लिम संगठन ने कराई पांच हिंदू लड़कियों की शादी

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मछवा फूल मंडी में एक अनोखी घटना देखने को मिली, जब जमात-उल-रईन पश्चिम बंगाल नामक मुस्लिम संगठन ने पांच हिंदू गरीब लड़कियों की शादी कराई। यह पहल समाज में एकता और भाईचारे का संदेश देने के लिए की गई, जिससे विभिन्न समुदायों के बीच सहयोग और सौहार्द को बढ़ावा मिले।

मुस्लिम संगठन ने उठाया शादी का पूरा खर्च

इस आयोजन में संस्था ने शादी का पूरा खर्च वहन किया, जिसमें दहेज, उपहार और शादी की अन्य व्यवस्थाएं शामिल थीं। संस्था के अध्यक्ष मुहम्मद सोहराब ने बताया कि यह पहल पिछले साल शुरू की गई थी और अब यह दूसरे साल में प्रवेश कर चुकी है।

पहले मुस्लिम लड़कियों की शादी, अब हिंदू लड़कियों को भी मिली मदद

शुरुआत में संगठन ने केवल मुस्लिम लड़कियों की शादी कराने का विचार किया था, लेकिन बाद में हिंदू परिवारों से भी अनुरोध आने लगा। इसके बाद निर्णय लिया गया कि गरीब हिंदू लड़कियों की शादी भी कराई जाएगी, जिससे यह आयोजन धार्मिक भेदभाव से परे हो गया।

दहेज के रूप में दी गई जरूरी चीजें

संस्था ने दहेज के रूप में गीता, अलमारी, पलंग, कंबल, शॉल, साड़ी, सैंडल, बर्तन और अन्य आवश्यक वस्तुएं उपहार में दीं। साथ ही, दूल्हे और दुल्हन के परिवारों के लिए भोजन की भी व्यवस्था की गई।

शादी करने वाली पांच हिंदू लड़कियां और उनके दूल्हे

इस विवाह समारोह में पांच हिंदू लड़कियों की शादी कराई गई, जिनके नाम और उनके दूल्हों के विवरण इस प्रकार हैं:

  1. अनुश्री मिस्त्री (उत्तर 24 परगना) की शादी प्रणय मंडल से हुई।
  2. सुजाता घोष (उत्तर 24 परगना) की शादी बेला दुर्गा नगर निवासी से हुई।
  3. सोनाली सरदार (दक्षिण 24 परगना) की शादी चित्तरंजन बयान से हुई।
  4. वली मौमिता सिंह (दक्षिण 24 परगना) की शादी दिलीप कोला से हुई।
  5. ललिता मिस्त्री (हरवा) की शादी कृष्णकांत भुइयां से हुई।

समाज में एकता और भाईचारे का संदेश

संस्था के अध्यक्ष मुहम्मद सोहराब ने कहा कि यह पहल समाज में सांप्रदायिक सौहार्द और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए की गई है। उन्होंने बताया, “हम सभी धर्मों के लोगों को समान सम्मान देते हैं और समाज में एकता के लिए काम करना हमारी जिम्मेदारी है।”

इस तरह का आयोजन यह दर्शाता है कि विभिन्न समुदायों के लोग मिलकर समाज के कमजोर वर्गों की मदद कर सकते हैं और धार्मिक भेदभाव से ऊपर उठकर सौहार्द और भाईचारे को मजबूत कर सकते हैं।

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