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महाकुंभ भगदड़ पर संसद में हंगामा: मौत के आंकड़ों पर विपक्ष ने सरकार को घेरा

नई दिल्ली/प्रयागराज: संसद के बजट सत्र में देश की आर्थिक स्थिति से अधिक चर्चा प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ पर हो रही है। विपक्ष ने भगदड़ में मरने वालों की संख्या को लेकर सरकार को घेर लिया है, जबकि सरकार सही आंकड़ों पर चुप्पी साधे हुए है।

29 जनवरी को संगम नोज पर मची भगदड़

प्रयागराज के संगम नोज पर 29 जनवरी को भगदड़ मच गई थी। यूपी सरकार और प्रशासन का दावा है कि इस हादसे में केवल 30 लोगों की मौत हुई, जबकि विपक्ष का कहना है कि यह आंकड़ा हजारों में है, जिसे सरकार दबा रही है।

मौत के आंकड़ों पर क्यों उठ रहे सवाल?

  1. अखिलेश यादव का आरोप:
    • पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अनुसार, अभी भी कई श्रद्धालु लापता हैं और प्रशासन के पास उनकी कोई जानकारी नहीं है।
    • उन्होंने सरकार पर सच्चाई छिपाने का आरोप लगाया और कहा कि जब लोग मर रहे थे, तब सरकार हेलिकॉप्टर से फूल बरसा रही थी
  2. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का बयान:
    • कांग्रेस अध्यक्ष ने 1000 से अधिक मौतों का दावा किया और कहा कि सरकार जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।
    • राज्यसभा में जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने टोका, तो खरगे ने कहा कि सरकार ही सही आंकड़ा बता दे।
  3. जया बच्चन का सवाल:
    • सांसद जया बच्चन ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भगदड़ में मारे गए लोगों के शवों को गंगा में बहा दिया गया
    • उन्होंने सरकार से पूछा कि सच क्यों छिपाया जा रहा है?
  4. शंकराचार्य का बड़ा खुलासा:
    • जगदगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने टीवी-9 से बातचीत में दावा किया कि भगदड़ सिर्फ एक जगह नहीं, बल्कि छह जगहों पर हुई
    • एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से उन्होंने कहा कि मरने वालों की सही संख्या सरकार छुपा रही है
  5. प्रशासन की चुप्पी से संदेह गहराया:
    • हादसे के बाद यूपी सरकार और प्रशासन ने केवल एक बार अपडेट दिया, फिर कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं हुई
    • सरकार पर सूचना दबाने के आरोप लग रहे हैं।

मृतकों के परिजनों से जबरन ‘सामान्य मौत’ लिखवाने का आरोप

  • पश्चिम बंगाल से आए तीन श्रद्धालुओं की मौत के बाद उनके परिजनों को डेथ सर्टिफिकेट नहीं दिया गया
  • बंगाल सरकार के मंत्री अरुप विश्वास ने कहा कि यूपी सरकार आंकड़े दबाने के लिए यह खेल कर रही है
  • कई मामलों में प्रशासन परिजनों से जबरन सामान्य कारणों से मौत लिखवा रहा है, ताकि भगदड़ में मौतों की सही संख्या सामने न आए।

सरकार के इंतजामों पर उठे सवाल

  • यूपी सरकार ने 100 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान की व्यवस्था करने का दावा किया था।
  • मौनी अमावस्या के दिन पहली बार ब्रह्म मुहूर्त में साधु-संत स्नान नहीं कर सके, जिससे संत समाज भी नाराज है।
  • शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि अगर सरकार 100 करोड़ लोगों की व्यवस्था कर रही थी, तो 10-20 करोड़ भी क्यों नहीं संभाल पाई?
  • लोकसभा में अखिलेश यादव ने कहा, “सरकार ने प्रचार पर ध्यान दिया, लेकिन इंतजाम पूरी तरह फेल हो गए।”

सरकार की सफाई का इंतजार

सरकार ने अब तक भगदड़ पर कोई विस्तृत बयान नहीं दिया है। विपक्ष लगातार जांच की मांग कर रहा है, जबकि सरकार का रुख अब तक साइलेंट मोड में है। क्या सरकार इस मुद्दे पर संसद में कोई सफाई देगी या विपक्ष इसे बड़ा मुद्दा बनाएगा? यह देखना बाकी है।

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