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विपक्ष का हमला: “वक्फ बोर्ड में गैर-मुसलमानों की घुसपैठ बर्दाश्त नहीं!”

नई दिल्ली: वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में विरोध तेज हो गया है। विपक्षी दलों ने सरकार पर वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने और कलेक्टर को अधिकार देने के फैसले को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है।
विपक्ष की आपत्तियां:
- गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति: शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत ने आरोप लगाया कि हिंदू धार्मिक संस्थाओं में मुस्लिमों को शामिल नहीं किया जाता, तो वक्फ बोर्ड में गैर-मुसलमानों को शामिल करना अनुचित है।
- कलेक्टर को अधिकार: सावंत ने कहा कि कलेक्टर सरकार के अधीन काम करता है, ऐसे में उसे वक्फ बोर्ड से जुड़े निर्णय लेने का अधिकार देना गलत है।
- संवैधानिक आपत्ति: तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि जमीन और बिल्डिंग से जुड़े फैसले राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। केंद्र सरकार ने राज्यों से राय लिए बिना यह विधेयक पेश किया, जो असंवैधानिक है।
सिफारिशों को दरकिनार: विपक्ष ने जेपीसी को 43 सिफारिशें दी थीं, जिन्हें पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया। कल्याण बनर्जी ने असहमति नोट के कुछ हिस्सों को हटाने का भी आरोप लगाया।
सरकार की स्थिति मज़बूत: लोकसभा में एनडीए के पास 296 और राज्यसभा में 130 सांसदों का समर्थन है। पहले विरोध कर रहे जेडीयू और टीडीपी ने भी अब सरकार का समर्थन कर दिया है।
विपक्ष ने सरकार पर संवैधानिक मर्यादाओं को तोड़ने का आरोप लगाते हुए विस्तृत चर्चा की मांग की है। हालांकि, सरकार ने विधेयक पास कराने का इरादा साफ कर दिया है।