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क्या भाजपा में आना ही विकास की शर्त? नितेश राणे के बयान से गरमा गई सियासत

मुंबई: भाजपा नेता और मत्स्य पालन मंत्री नितेश राणे ने विपक्षी दलों को लेकर विवादित बयान देकर नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। सिंधुदुर्ग जिले के ओरोस में एक सभा को संबोधित करते हुए राणे ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के समर्थकों को उनके क्षेत्रों के लिए कोई विकास निधि नहीं मिलेगी।

उन्होंने कहा, “केवल महायुति के कार्यकर्ताओं को ही विकास निधि दी जाएगी। अगर एमवीए का कोई सरपंच या पदाधिकारी है, तो उसे एक भी रुपया नहीं मिलेगा।” राणे ने एमवीए कार्यकर्ताओं से भाजपा में शामिल होने का भी आह्वान किया।

विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया
राणे की टिप्पणी पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। एनसीपी विधायक रोहित पवार ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “या तो मंत्री ने अपनी पद की शपथ ध्यान से नहीं पढ़ी या भूल गए हैं। अगर मंत्री इस तरह संविधान को नुकसान पहुंचाएंगे तो लोकतंत्र कैसे बचेगा?” शिवसेना (यूबीटी) नेता सुषमा अंधारे ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, “क्या लोकतंत्र को जिंदा रखने की बातें करने वाले इस मुद्दे पर चुप रहेंगे?”

राणे ने भाजपा कार्यकर्ताओं को विपक्षी उम्मीदवारों की मदद न करने की सख्त हिदायत दी और पार्टी के विस्तार पर जोर देते हुए कहा कि स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी बनाना है। उन्होंने कहा कि अगर कोई विपक्षी उम्मीदवार जीतता है, तो हम उसे भी भाजपा में शामिल करेंगे।

यह बयान ऐसे समय में आया है जब महाराष्ट्र में राजनीतिक तापमान पहले से ही गर्म है। अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री और भाजपा आलाकमान इस बयान पर क्या रुख अपनाते हैं।

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