इस देश में बना बलात्कारियों को नामर्द बनाने का कानून!

पाकिस्तान की कैबिनेट ने बलात्कार विरोधी दो अहम अध्यादेशों को मंजूरी दे दी है। इन अध्यादेशों में बलात्कारियों को दोषी साबित होने पर रासायनिक बधियाकरण (केमिकल कास्ट्रेशन) की सजा और बलात्कार मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए विशेष अदालतों के गठन का प्रावधान है।
रासायनिक बधियाकरण के प्रावधान
डॉन न्यूज के मुताबिक, संघीय कानून मंत्री फारूक नसीम की अध्यक्षता में हुई विधि मामलों पर कैबिनेट बैठक में इन अध्यादेशों को मंजूरी दी गई। यह सजा दोषी की सहमति से दी जाएगी। यदि दोषी सहमति नहीं देता है तो पाकिस्तान दंड संहिता (पीपीसी) के तहत उसे मौत की सजा, आजीवन कारावास या 25 साल की कैद हो सकती है।
नसीम ने स्पष्ट किया कि अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार, बधियाकरण से पहले दोषी की सहमति अनिवार्य है। यदि सहमति के बिना यह सजा दी जाती है, तो दोषी इसे अदालत में चुनौती दे सकता है। अदालत दोषी को सीमित अवधि या आजीवन रासायनिक बधियाकरण की सजा दे सकती है।
बलात्कार मामलों के लिए विशेष अदालतें
अध्यादेशों में बलात्कार के मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए विशेष अदालतों के गठन का भी प्रावधान है। इन अदालतों में विशेष अभियोजक नियुक्त किए जाएंगे।
इसके अलावा, बलात्कार विरोधी प्रकोष्ठ भी गठित किए जाएंगे, जिनकी अध्यक्षता एक आयुक्त या उपायुक्त करेंगे। इन प्रकोष्ठों का उद्देश्य प्राथमिकी, चिकित्सा और फोरेंसिक जांच का शीघ्र पंजीकरण सुनिश्चित करना है। बलात्कार पीड़िता से केवल जज और आरोपी के वकील ही पूछताछ कर सकेंगे।
इस सख्त कानून को लागू करने का उद्देश्य देश में बलात्कार के मामलों में कमी लाना और पीड़ितों को न्याय दिलाना है।