“मुसलमानों को बेइज्जत और बर्बाद करने की साजिशें हो रही हैं, यह सरकार की नाकामी है” – अबू आज़मी

अहमदनगर – महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के पाथर्डी तालुका स्थित मढ़ी गांव में कानिफनाथ महाराज की तीर्थयात्रा के दौरान मुस्लिम व्यापारियों के दुकानों पर प्रतिबंध लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। ग्रामसभा द्वारा पारित प्रस्ताव में मुस्लिम व्यापारियों को इस वार्षिक मेले में दुकानें लगाने से रोक दिया गया है, जिसे लेकर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक अबू आसिम आजमी ने कड़ा विरोध जताया है।
अबू आजमी का बयान – ‘मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा’
अबू आजमी ने इस फैसले पर अफसोस जताते हुए कहा,
“मुझे बड़े ही दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि अब मैं रोज देखता हूं कि मुसलमानों को बेइज्जत, बर्बाद और तबाह करने की साजिशें हो रही हैं। यह सब सरकार की नाकामी है।”
उन्होंने सवाल उठाया कि अगर बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार होता है तो वह भारत सरकार को दिखाई देता है, लेकिन देश के अंदर मुसलमानों के साथ हो रहे अन्याय पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती?
‘ग्रामसभा ने वर्षों पुरानी परंपरा तोड़ी’
अबू आजमी ने बताया कि कानिफनाथ महाराज की यात्रा में सालों से मुस्लिम व्यापारी दुकानें लगाते आ रहे थे, लेकिन इस बार ग्रामसभा ने उन पर प्रतिबंध लगा दिया। उन्होंने कहा,
“अगर समाज के 20% लोगों के साथ ऐसा हो रहा है, तो यह सरासर गलत है। नफरत की इस परंपरा को रोकना होगा।”
उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मुसलमानों को आरक्षण नहीं दिया जाता, रोजगार के अवसर नहीं मिलते, और जब वे मेहनत कर त्योहारों के दौरान सामान बेचते हैं, तो उन पर गलत आरोप लगाए जाते हैं।
सामाजिक सौहार्द्र पर सवाल
इस फैसले से राज्य में सामाजिक सौहार्द्र पर एक नई बहस छिड़ गई है। जहां ग्रामसभा ने इस फैसले को पारंपरिक मान्यता का हिस्सा बताया है, वहीं समाज के कई वर्ग इसे भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक बता रहे हैं।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस विवाद पर क्या रुख अपनाती है और क्या इस फैसले को चुनौती दी जाएगी।