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पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची विवाद: ममता बनर्जी ने बीजेपी पर लगाए हेरफेर के आरोप

कोलकाता – पश्चिम बंगाल में 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले ही मतदाता सूची को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) प्रमुख ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग (ECI) पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि बीजेपी चुनावी प्रक्रिया में हेरफेर कर रही है।

ममता बनर्जी के आरोप

ममता बनर्जी ने 27 फरवरी को कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में हुई पार्टी बैठक में दावा किया कि बीजेपी राजस्थान, हरियाणा और गुजरात जैसे राज्यों से “नकली मतदाताओं” को बंगाल की सूची में जोड़ रही है। उनका आरोप है कि ये मतदाता पश्चिम बंगाल के असली वोटर्स के इलेक्टोरल फोटो आइडेंटिटी कार्ड (EPIC) नंबर से लिंक कर दिए गए हैं, जिससे वैध मतदाता डुप्लिकेट हो रहे हैं।

उन्होंने दो एजेंसियों—एसोसिएशन ऑफ ब्रिलियंट माइंड्स और इंडिया 360—का नाम लेकर आरोप लगाया कि बीजेपी ने इन कंपनियों को यह काम सौंपा है। ममता ने कहा कि ये एजेंसियां ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों और डेटा एंट्री ऑपरेटरों की मदद से फर्जी नाम जोड़ रही हैं।

ईसीआई पर भी उठाए सवाल

ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पक्षपातपूर्ण है, क्योंकि वे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय में कार्यरत थे। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग बीजेपी की मदद कर रहा है और मतदाता सूची में धांधली की जा रही है।

दिल्ली में धरने की धमकी

अगर चुनाव आयोग ने उचित कदम नहीं उठाए, तो ममता बनर्जी ने दिल्ली में चुनाव आयोग के दफ्तर के बाहर अनिश्चितकालीन धरना देने की चेतावनी दी है। उन्होंने 2006 के सिंगूर-नंदीग्राम आंदोलन का हवाला देते हुए कहा कि वह लंबे संघर्ष के लिए भी तैयार हैं।

बीजेपी की प्रतिक्रिया

ममता के आरोपों का जवाब देते हुए बंगाल बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा कि ममता बनर्जी मतदाता सूची को अपने पक्ष में प्रभावित करना चाहती हैं। बीजेपी का आरोप है कि ममता गैर-बंगाली मतदाताओं—विशेष रूप से हिंदू समुदाय—के नाम मतदाता सूची से हटवाने की कोशिश कर रही हैं, क्योंकि ये समुदाय आमतौर पर बीजेपी को समर्थन देता है।

बीजेपी ने चुनावों में बायोमेट्रिक सत्यापन की मांग की है, जिसे चुनाव आयोग स्वीकार कर सकता है।

क्या कहता है चुनाव आयोग?

अब तक चुनाव आयोग ने इस विवाद पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन मतदाता सूची को लेकर उठे इस विवाद से चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

2026 में किसकी होगी जीत?

2021 के चुनाव में TMC ने 213 सीटें जीती थीं, जबकि बीजेपी को 77 सीटें मिली थीं। ममता ने इस बार 294 में से 215+ सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है और बीजेपी को 77 से नीचे लाने की रणनीति बना रही हैं।

बंगाल की मतदाता सूची विवाद से आने वाले चुनावों में और भी तनाव बढ़ सकता है। अब देखना होगा कि चुनाव आयोग इस मामले पर क्या कदम उठाता है।


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