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खान एजाज़ अहमद: सामाजिक परिवर्तन का प्रतीक

“खान एजाज़ अहमद”—यह नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं। दो दशकों से अधिक समय से समाज सेवा को समर्पित, उन्होंने अपने कार्यों के माध्यम से समाज को नई दिशा देने का निरंतर प्रयास किया है। उनकी सामाजिक यात्रा 1997 में शुरू हुई, लेकिन बचपन से ही उन्होंने समाजसेवा को अपनी प्राथमिकता बना लिया था।

पत्रकारिता और सामाजिक जनजागृति की पहल

समाज में जनजागृति लाने और निष्पक्ष पत्रकारिता को बढ़ावा देने के लिए “खासदार टाइम्स” की स्थापना की। इस समाचार पत्र ने न केवल जमीनी हकीकत को उजागर किया बल्कि आम जनता की आवाज़ को भी एक मज़बूत मंच प्रदान किया। इसके अलावा, “CMBC प्लेटफॉर्म” की नींव रखी, जो देश और दुनिया के हर क्षेत्र के लोगों को एक साझा मंच से जोड़ने और “ज़ीरो से हीरो” बनाने के लिए समर्पित है।

राजनीति में पारदर्शिता और नई सोच का आगाज़

खान एजाज़ अहमद ने राजनीति में पारदर्शिता, धर्मनिरपेक्षता, ईमानदारी और इंसानियत के मूल सिद्धांतों के साथ एक अलग पहचान बनाई। उन्होंने समाजहित में शून्य खर्च पर चुनाव लड़ने की एक अनूठी संकल्पना को जन्म दिया, जिसमें बिना किसी पार्टी, बैनर, झंडे या कार्यकर्ताओं के, केवल जनता के समर्थन से चुनाव लड़ा जाए। इसी सोच के तहत, उन्होंने 2009 में औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और फिर 2019 में दोबारा मैदान में उतरे।

2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें 5043 वोट मिले, जिससे वह 23 उम्मीदवारों में पांचवें स्थान पर रहे। लेकिन यह संख्या उनके लिए किसी पारस मणि से कम नहीं थी, क्योंकि इन मतदाताओं की संख्या अब लाखों में परिवर्तित हो चुकी है। उनके प्रत्येक सच्चे समर्थक ने 100 से 1000 तक नए मतदाता तैयार किए, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि अगर वह चुनाव में डटे रहते, तो नतीजे चौंकाने वाले हो सकते थे।

हालांकि, देश के मौजूदा हालातों को देखते हुए, उन्होंने औरंगाबाद और जालना से दाखिल किए गए अपने नामांकन वापस लेने का फैसला किया। यह निर्णय भी उनकी संकल्पना का ही एक हिस्सा था, क्योंकि उनका उद्देश्य सिर्फ किसी को हराना या जिताना नहीं, बल्कि सही दिशा में बदलाव लाना है।

सामाजिक कार्यों की अनवरत यात्रा

चुनाव से नामांकन वापस लेने के बावजूद, खान एजाज़ अहमद की सामाजिक गतिविधियों में कोई कमी नहीं आई। उनके अनुसार, “चुनाव लड़ना या न लड़ना, यह केवल एक प्रक्रिया है, लेकिन असली उद्देश्य समाज के हित में कार्य करना है।”

अब उनकी अनूठी संकल्पना केवल कुछ क्षेत्रों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसे पूरे देश में विस्तारित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस प्रयास में, “खासदार टाईम्स” और “CMBC प्लेटफॉर्म” के माध्यम से हर क्षेत्र के लोग जुड़ रहे हैं और देश की बेहतरी के लिए योगदान दे रहे हैं।

“जो इस समय मेरी बातों को पढ़ रहे हैं, वे भी इस परिवर्तन यात्रा का हिस्सा बनने के लिए सादर आमंत्रित हैं।”

खान एजाज़ अहमद: 2029 लोकसभा चुनाव में जनहित की नई उम्मीद

समाजसेवा और पारदर्शी राजनीति के प्रतीक खान एजाज़ अहमद ने एक बार फिर लोकसभा चुनाव 2029 में जनहित के लिए अपनी दावेदारी पेश करने का निर्णय लिया है। बीते दो दशकों से वे समाज में जागरूकता फैलाने, जनसमस्याओं के समाधान, और निष्पक्ष राजनीति को बढ़ावा देने के लिए पूरी निष्ठा से कार्य कर रहे हैं।

उनका संकल्प केवल चुनावी राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि वे एक नई राजनीतिक संस्कृति स्थापित करना चाहते हैं, जहां जनता की भागीदारी और जनकल्याण सर्वोपरि हो। ईमानदारी, पारदर्शिता और निष्पक्षता के मूल सिद्धांतों के साथ वे एक बार फिर लोकतंत्र को सशक्त बनाने के लिए मैदान में उतर रहे हैं।


खान एजाज़ अहमद की संकल्पना:

✅ निष्पक्ष और पारदर्शी राजनीति
✅ बिना खर्च, बिना बैनर, बिना पार्टी चुनाव लड़ने की प्रक्रिया
✅ पराजित काबिल उम्मीदवारों को “उप सांसद” का दर्जा
✅ बुद्धिजीवियों और जनता के घोषणा पत्रों पर काम
✅ जनता और सरकार के बीच सेतु बनने की पहल

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