इमरान प्रतापगढ़ी ने भाजपा पर साधा निशाना – “अगर सौगात देनी है, तो वक्फ बोर्ड कानून वापस लें”

नई दिल्ली में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और मशहूर शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने अपने आवास पर इफ्तार पार्टी का आयोजन किया, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, नेता विपक्ष राहुल गांधी समेत INDIA गठबंधन के कई प्रमुख नेता शामिल हुए। इस मौके पर समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव और आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी उपस्थित रहे।
सौगात-ए-मोदी पर इमरान प्रतापगढ़ी का तंज
इस दौरान इमरान प्रतापगढ़ी ने ‘सौगात-ए-मोदी’ योजना को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा,
“अगर प्रधानमंत्री मोदी को मुसलमानों को कुछ देना ही है, तो वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक वापस लें। उनके पार्टी के नेता और विधायक जो मुसलमानों के खिलाफ बयान देते हैं, उन पर रोक लगाएं। गरीबों के टूटते घरों को बचाएं। असली सौगात यही होगी। पहले सरकार जख्म देती है, फिर किट बांटकर मरहम लगाने की कोशिश करती है, लेकिन दुनिया सब समझती है।”
गौरतलब है कि सौगात-ए-मोदी योजना के तहत भाजपा सरकार इस ईद पर 32 लाख गरीब मुस्लिमों को गिफ्ट किट देने की योजना बना रही है।
INDIA गठबंधन में फिर दिखी एकजुटता?
इफ्तार पार्टी में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी के नेताओं की मौजूदगी को गठबंधन में नई ऊर्जा के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। महाराष्ट्र और दिल्ली चुनाव के बाद गठबंधन के नेता अलग-अलग नजर आ रहे थे, लेकिन इस इफ्तार पार्टी में एकजुटता का संदेश दिया गया।
इस इफ्तार की तस्वीरें साझा करते हुए कांग्रेस ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर लिखा:
“आज कांग्रेस अध्यक्ष श्री खड़गे और नेता विपक्ष श्री राहुल गांधी, कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन श्री इमरान प्रतापगढ़ी के आवास पर रोज़ा इफ्तार में शामिल हुए। इस मौके पर वहां कांग्रेस और INDIA गठबंधन के वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे।”
राजनीतिक मायने क्या हैं?
- लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस का मुस्लिम वोट बैंक साधने का प्रयास।
- गठबंधन में आपसी मतभेद के बावजूद INDIA गठबंधन के नेताओं की एक मंच पर उपस्थिति।
- ‘सौगात-ए-मोदी’ पर सवाल उठाकर भाजपा की अल्पसंख्यक राजनीति को घेरने की कोशिश।
अब देखना होगा कि क्या यह इफ्तार पार्टी विपक्षी एकता को नई मजबूती दे पाएगी या यह केवल चुनावी रणनीति तक ही सीमित रहेगी।