Breaking NewsMumbaiPolitics

वक्फ संशोधन विधेयक पर शिवसेना (यूबीटी) ने लोकसभा में रखा अपना रुख

मुंबई साउथ लोकसभा सीट से शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अरविंद सावंत ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की कथनी और करनी में अंतर है और इस विधेयक को लाने का उद्देश्य किसी को न्याय देना नहीं है।

देश की आजादी में मुसलमानों ने दी कुर्बानी – अरविंद सावंत

लोकसभा में बोलते हुए सावंत ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बयान का जिक्र किया और कहा कि उन्होंने हमसे पूछा था कि क्या शिवसेना (यूबीटी) हिंदुत्व के साथ खड़ी है। इस पर सावंत ने जवाब दिया कि हमें हिंदुत्व सिखाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि अयोध्या और वाराणसी में भाजपा के वोट घटे हैं, इसलिए यह मत समझिए कि आप जो कर रहे हैं, वह सही है।

उन्होंने रमजान के दौरान ‘सौगात-ए-मोदी’ अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि अब ‘सौगात-ए-वक्फ बिल’ आ गया है। सावंत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने कहा था कि ‘मंगलसूत्र छीना जाएगा’ और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि ‘बटेंगे तो कटेंगे’। उन्होंने सवाल किया कि देश को बांटने वाला और काटने वाला कौन है।

सावंत ने आगे कहा कि देश की आजादी के लिए मुसलमानों ने भी अपनी जान न्यौछावर की है और जिन लोगों ने कुछ नहीं किया, वे आज सरकार चला रहे हैं।

अगर बिल में कुछ गलत है तो समर्थन नहीं करेंगे – सावंत

अरविंद सावंत ने स्पष्ट किया कि अगर विधेयक में कुछ गलत होगा, तो उनकी पार्टी इसका समर्थन नहीं करेगी। उन्होंने मांग की कि जो भी गलत है, उसे ठीक किया जाए। उन्होंने कहा कि पहले वक्फ बोर्ड में चुनाव होते थे, लेकिन अब सरकार नॉमिनेशन लेकर आ रही है, जिसका मतलब यह है कि सरकार अपनी मर्जी के लोगों को बोर्ड में नियुक्त कर सकेगी।

उन्होंने इस पर चिंता जताई कि दो गैर-मुस्लिम सदस्यों को बोर्ड में शामिल करने का प्रस्ताव लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे यह संदेह पैदा होता है कि सरकार की मंशा सही नहीं है। सावंत ने सरकार से अपील की कि वह इस फैसले पर पुनर्विचार करे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार मंदिरों के बोर्ड में गैर-हिंदू लोगों को शामिल करने की कोशिश करेगी, तो शिवसेना (यूबीटी) इसके खिलाफ खड़ी रहेगी।

धारा 370 पर किया था समर्थन – सावंत

सावंत ने कहा कि उनकी पार्टी ने धारा 370 को हटाने के फैसले का समर्थन किया था और वह कैबिनेट में इस फैसले से खुश भी थे। उन्होंने सवाल किया कि कश्मीर में कितने हिंदू जाकर बसे हैं और वहां की जमीन कौन खरीद रहा है।

इसके साथ ही उन्होंने हिंदू देवस्थानम मंदिरों की हजारों एकड़ जमीन बेचे जाने का मुद्दा उठाते हुए सरकार से पूछा कि क्या इस पर कोई कानून लाया जाएगा। उन्होंने मांग की कि सरकार इस मुद्दे पर भी स्पष्टता लाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
hi Hindi