मराठवाड़ा की राजनीति में उभरता नया चेहरा: खान एजाज़ अहमद का मिशन 2029 बना जनआंदोलन

औरंगाबाद: कभी केवल औरंगाबाद तक सीमित रहने वाला नाम खान एजाज़ अहमद आज मराठवाड़ा की राजनीति में एक नई पहचान बन चुका है। उनकी अनोखी संकल्पना, पारदर्शिता पर आधारित राजनीति और लोकसभा चुनाव मिशन 2029 अब केवल चर्चा का विषय नहीं रहा, बल्कि धीरे-धीरे यह एक जनआंदोलन का रूप लेता जा रहा है।
अनोखी संकल्पना बनी चर्चा का केंद्र
खान एजाज़ अहमद की सोच पारंपरिक राजनीति से बिल्कुल अलग है। वे मानते हैं कि चुनाव केवल दिखावे और खर्च का माध्यम नहीं होना चाहिए, बल्कि लोकतंत्र को सशक्त करने की प्रक्रिया होना चाहिए। उनकी संकल्पना में —
- बिना तामझाम और बेफिजूल खर्च के चुनाव लड़ना
- हारने वाले काबिल उम्मीदवारों को “उप सांसद” बनाना
- उन्हीं के घोषणा पत्रों के आधार पर विकास कार्य करना
- चुनी हुई सरकार के साथ मिलकर जनता के हित में काम करना
— शामिल है। यही वजह है कि यह विचार आम जनता में लगातार चर्चा का विषय बन रहा है।
मिशन 2029 की तैयारी अभी से
हाल ही में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए खान एजाज़ अहमद ने साफ शब्दों में कहा —
“आज बोओगे तो कल फलेगा, और अच्छे परिणाम के लिए निरंतर मेहनत ज़रूरी है।”
उनके इस संदेश ने समर्थकों और संभावित उम्मीदवारों के भीतर नई ऊर्जा भर दी है।
जनता के भरोसे मिली ऐतिहासिक उपलब्धि
गौरतलब है कि वर्ष 2019 में खान एजाज़ अहमद ने औरंगाबाद लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। 23 प्रत्याशियों में से पाँचवें स्थान पर रहना अपने आप में बड़ी उपलब्धि थी, क्योंकि यह बिना किसी राजनीतिक दल और संगठन के, केवल जनता के भरोसे हासिल किया गया परिणाम था। यह उनके बढ़ते जनाधार और लोकप्रियता का सबूत माना जाता है।
राजनीति को सेवा और बदलाव का माध्यम मानते हैं
आज खान एजाज़ अहमद गांव-गांव और शहर-शहर में बैठकों, संवाद कार्यक्रमों और जनसंपर्क यात्राओं के जरिए जनता से सीधे जुड़ रहे हैं। उनकी रणनीति का मूल मंत्र है —
“जनता से सीधा संवाद, पारदर्शिता के साथ राजनीति और समाज के हर वर्ग की भागीदारी।”
इसी कारण मराठवाड़ा में युवाओं, किसानों, मजदूरों और शिक्षित वर्ग का एक बड़ा हिस्सा उनसे जुड़ता जा रहा है।
मिशन 2029 बना सामाजिक चेतना का प्रतीक
खान एजाज़ अहमद का मिशन 2029 अब केवल चुनावी रणनीति नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता का प्रतीक बन गया है। उनकी यह सक्रियता और स्पष्ट दृष्टिकोण आने वाले समय में मराठवाड़ा की राजनीति की दिशा और दशा को नया आयाम देने की क्षमता रखते हैं।
