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‘कंबल वाले बाबा’ का चमत्कार या चालबाज़ी? इलाज के नाम पर लूट, अव्यवस्था और महंगे चूर्ण-तेल का खेल!

सिवनी जिले के बंजारी मंदिर परिसर में इन दिनों एक बाबा का दरबार सुर्खियों में है। लोग उन्हें ‘कंबल वाले बाबा’ के नाम से जानते हैं। दावा है कि वे हर तरह की बीमारी – चाहे शरीर की हो या मन की – का इलाज कर सकते हैं। इसी दावे के चलते हर दिन हजारों लोग यहां पहुंच रहे हैं।

बारिश-धूप में उमड़ रही भीड़
बारिश हो या तेज धूप, बाबा के शिविर में भीड़ लगातार उमड़ रही है। व्हीलचेयर पर बैठे मरीज, बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे घंटों कतार में लगकर अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे हैं। कुछ मरीजों ने राहत मिलने की बात कही, तो कईयों को किसी तरह का असर महसूस नहीं हुआ।

इलाज या महंगे चूर्ण-तेल का खेल?
बाबा के शिविर में तेल, चूर्ण और अन्य सामग्री 600 रुपये से ज्यादा कीमत पर बेची जा रही है। बाबा का कहना है कि वे खुद पैसा नहीं लेते और दवा लेना अनिवार्य नहीं है। लेकिन वहीं उनके सहयोगी माइक से लगातार ऐलान कर रहे हैं कि “इलाज तभी पूरा होगा जब दवा जरूर लेकर जाएं।” सवाल उठता है कि अगर दवा लेना जरूरी नहीं है, तो इस तरह का प्रचार क्यों किया जा रहा है?

NH-44 पर अव्यवस्था से खतरा
सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि यह शिविर राष्ट्रीय राजमार्ग NH-44 से महज 10 मीटर की दूरी पर लगाया गया है। हजारों लोगों और वाहनों की भीड़ के कारण सड़क पर जाम की स्थिति बन रही है। पार्किंग की अव्यवस्था हादसे को न्योता दे रही है। किसी भी दिन यह अव्यवस्था बड़ी त्रासदी का कारण बन सकती है।

आस्था बनाम शोषण
लोगों का विश्वास और आस्था अपनी जगह है, लेकिन जब इलाज के नाम पर पैसे वसूले जाएं और लोगों की सुरक्षा खतरे में पड़े, तो सवाल उठना स्वाभाविक है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस शिविर की तुरंत जांच करे, ताकि किसी की आस्था का फायदा उठाकर धोखाधड़ी और आर्थिक शोषण न किया जा सके।

‘कंबल वाले बाबा’ का मामला अब सिर्फ आस्था का नहीं, बल्कि सुरक्षा, व्यवस्था और धोखाधड़ी के संदेह का बनता जा रहा है। अगर जल्द कदम नहीं उठाए गए, तो यह शिविर किसी बड़े हादसे का कारण बन सकता है।

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