“खान एजाज़ अहमद का दावा – अब उनकी संकल्पना पर लड़ा जाएगा हर चुनाव, सियासत में भूचाल!”
खान एजाज़ अहमद की संकल्पना से बदलेगा चुनावी समीकरण, सियासत में मचा हलचल – 2029 लोकसभा पर टिकी निगाहें

सियासी गलियारों में नई चर्चा छेड़ते हुए खान एजाज़ अहमद ने बड़ा दावा किया है कि अब देश का हर छोटा-बड़ा चुनाव उनकी संकल्पना के आधार पर लड़ा जाएगा। उनका कहना है कि उनकी यह सोच अब व्यक्तिगत सीमा से बाहर निकलकर व्यापक स्तर पर प्रचारित हो चुकी है। वे मानते हैं कि पारदर्शिता, विश्वसनीयता और भाईचारे के साथ चुनावी राजनीति की नई धारा तैयार हो रही है, जिसमें उनकी भूमिका निर्णायक साबित होगी।
खान एजाज़ अहमद की संकल्पना पारंपरिक राजनीति से हटकर है। इसमें बिना तामझाम, बिना किसी दलगत समर्थन और पूरी तरह जनता के भरोसे चुनाव लड़ने की बात है। खास बात यह है कि उनके मॉडल में हारने वाले प्रत्याशियों को भी उप सांसद और उप विधायक का दर्जा देने का प्रस्ताव है ताकि उनके घोषणा पत्रों पर भी काम हो सके और विकास प्रक्रिया दलगत राजनीति से ऊपर उठकर आगे बढ़े।
उनकी सोच किसी पार्टी विशेष तक सीमित नहीं है। वे राजनीति को लोकतंत्र की असली रीढ़ – सच्चाई, पारदर्शिता और इंसानियत – से जोड़ते हैं। उनका मानना है कि चुनावी प्रक्रिया में धनबल और बाहुबल नहीं, बल्कि नीयत और विचार ही सबसे अहम होने चाहिए।
गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में औरंगाबाद सीट से स्वतंत्र प्रत्याशी के तौर पर उतरकर खान एजाज़ अहमद ने 23 उम्मीदवारों में पाँचवाँ स्थान हासिल किया था। यह परिणाम उनके बढ़ते जनाधार और उनकी अलग राजनीतिक सोच का प्रतीक माना गया था।
अब 2029 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए वे लगातार जनता के बीच सक्रिय हो रहे हैं और इस संकल्पना को जन-जन तक पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि यह विचारधारा जनता के बीच गहराई से स्वीकार की जाती है तो आने वाले चुनावों में यह एक बड़ा बदलाव ला सकती है।
