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मराठा आरक्षण आंदोलन: सरकार ने बढ़ाई वंशावली समिति की अवधि, आंदोलनकारियों का संघर्ष जारी

मुंबई के आज़ाद मैदान पर मराठा समाज का आंदोलन जारी है। मराठा समाज को ओबीसी वर्ग से आरक्षण देने की मांग को लेकर मनोज जरांगे पाटिल के नेतृत्व में लाखों आंदोलनकारी मुंबई पहुँचे हैं। उपोषण और आंदोलन के बीच राज्य सरकार ने समाज को राहत देने वाला बड़ा फैसला लिया है।

वंशावली समिति को मिला छह माह का अतिरिक्त कार्यकाल
राज्य के मराठा समाज के पात्र लोगों को कुणबी, मराठा-कुणबी और कुणबी-मराठा जाति के जाति प्रमाणपत्र और वैधता प्रमाणपत्र देने के लिए गठित वंशावली समिति का कार्यकाल 30 जून 2026 तक बढ़ा दिया गया है। तहसीलदार की अध्यक्षता में कार्यरत इस समिति को लेकर सामाजिक न्याय एवं विशेष सहायता विभाग ने शासन निर्णय जारी किया है। इसकी जानकारी सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट ने दी।

यह समिति 25 जनवरी 2024 को गठित की गई थी। पहले इसे 30 जून 2025 तक का कार्यकाल दिया गया था। वहीं पूर्व न्यायमूर्ति संदीप शिंदे की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ाया गया था। अब वंशावली समिति को और छह माह का विस्तार देकर जून 2026 तक कामकाज जारी रखने की अनुमति दी गई है।

आरक्षण पर आंदोलनकारियों का अडिग रुख
सरकार के इस फैसले से मराठा समाज को कुछ हद तक राहत मिलने की संभावना है, लेकिन आंदोलनकारियों ने अपने रुख को और आक्रामक बना लिया है। उनका कहना है कि “आरक्षण मिले बिना आंदोलन समाप्त नहीं होगा।”

आजाद मैदान पर शुरू में केवल एक दिन की अनुमति दी गई थी, लेकिन अब दूसरे दिन के लिए भी आंदोलन जारी रखने की अनुमति मिल गई है। कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। हालांकि आंदोलन फिलहाल शांतिपूर्ण है, लेकिन मराठा समाज ने साफ संदेश दिया है कि उनकी मांग पूरी होने तक संघर्ष जारी रहेगा।

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