अफगानिस्तान में भीषण भूकंप, 250 की मौत और 500 से अधिक घायल, भारत-पाकिस्तान में भी महसूस हुए झटके

अफगानिस्तान एक बार फिर भीषण प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गया है। रविवार देर रात पाकिस्तान सीमा से सटे पूर्वी अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत में 6.0 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र जलालाबाद के पास था और इसकी गहराई 8 किलोमीटर मापी गई।
भूकंप से सबसे ज्यादा तबाही नंगरहार प्रांत में हुई। प्रांत के स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता अजमल दरवेश के मुताबिक, अब तक 250 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 500 से अधिक लोग घायल हैं। कई घर और इमारतें जमींदोज हो गई हैं, वहीं ग्रामीण इलाकों में राहत और बचाव कार्य बेहद मुश्किल हालात में जारी है।
भूकंप इतना तेज था कि इसके झटके भारत के कई हिस्सों में, खासकर दिल्ली-एनसीआर में भी महसूस किए गए। पाकिस्तान में भी धरती हिली और लोग दहशत में घरों से बाहर निकल आए। इसके करीब 20 मिनट बाद उसी इलाके में एक और झटका दर्ज किया गया, जिसकी तीव्रता 4.5 और गहराई 10 किलोमीटर थी। यह भूकंप स्थानीय समयानुसार रात 11:47 बजे आया।
यह पहली बार नहीं है जब अफगानिस्तान भूकंप की मार झेल रहा है। बीते एक महीने में यहां पांच बार भूकंप आ चुके हैं। इससे पहले 27 अगस्त को 5.4, 17 अगस्त को 4.9, 13 अगस्त को 4.2 और 8 अगस्त को 4.3 तीव्रता के भूकंप दर्ज किए गए थे।
अक्टूबर 2023 में भी अफगानिस्तान ने भयावह भूकंप देखा था, जब 6.3 तीव्रता वाले झटकों ने हजारों लोगों की जान ले ली थी। तालिबान सरकार ने उस समय मृतकों की संख्या 4,000 से अधिक बताई थी, जबकि संयुक्त राष्ट्र ने लगभग 1,500 लोगों की मौत की पुष्टि की थी।
भूगोल विशेषज्ञों का कहना है कि अफगानिस्तान भूकंपीय दृष्टि से बेहद संवेदनशील इलाका है। यहां भारतीय और यूरेशियन टेक्टॉनिक प्लेट्स की टक्कर के कारण अक्सर भूकंप आते रहते हैं।
भूकंप की तीव्रता कैसे मापी जाती है?
भूकंप की जांच रिक्टर स्केल से की जाती है, जिसे “रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल” कहा जाता है। इस स्केल पर भूकंप की तीव्रता 1 से 9 तक मापी जाती है। जितनी ज्यादा तीव्रता, उतना ही अधिक खतरा और नुकसान। धरती के भीतर से निकलने वाली ऊर्जा और एपीसेंटर से दूरी के आधार पर ही भूकंप के झटकों की भयावहता तय होती है।
👉 अफगानिस्तान में लगातार आ रहे भूकंप ने लोगों की चिंता और बढ़ा दी है। विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि यदि धरती की प्लेटों में हलचल जारी रही, तो आने वाले दिनों में और भी विनाशकारी भूकंप आ सकते हैं।
