औरंगाबाद: वाळुज एनकाउंटर की दहशत से घबराया कुख्यात आरोपी ‘टिप्प्या’ कोर्ट में हुआ सरेंडर

औरंगाबाद: वाळुज परिसर में हाल ही में हुए एनकाउंटर और शहर में गुन्हेगारों की जुलूस (धिंडी) काढे जाने की चर्चाओं से घबराकर कुख्यात गुंडा जावेद मसूद शेख उर्फ टिप्प्या (निवासी विजयनगर) गुरुवार दोपहर अचानक खुद कोर्ट में हाजिर हो गया। अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार, जुलाई के अंत में मकोका जैसे गंभीर केस में टिप्प्या को जमानत मिली थी। जमानत पर बाहर आने के महज दस दिन बाद, उसने 2 अगस्त की रात 11 बजे बार में व्यापारी शेख अजर शेख गनी (40 वर्ष) से खंडणी की मांग की। पैसे न देने पर उसने अपने पांच साथियों के साथ गारखेडा इलाके में व्यापारी को रोककर तलवार की नोक पर मारपीट की और उनकी बाइक तथा करीब ढाई लाख रुपये लूट लिए। इतना ही नहीं, अगले दिन सुबह तक और पैसों की मांग की।
इस वारदात के बाद से ही टिप्प्या फरार हो गया था और करीब एक महीने तक परराज्य में छुपा रहा। पुलिस की विशेष टीमें उसके पीछे लगी थीं, लेकिन पुलिस महकमे में कुछ लोगों के संपर्क में होने की वजह से वह लगातार बच निकल रहा था। बताया जा रहा है कि वाळुज एनकाउंटर की घटना के बाद उसे डर था कि कहीं अगला नंबर उसका न आ जाए। यही वजह रही कि उसने पुलिस के बजाय सीधे अदालत में सरेंडर करना बेहतर समझा। पुलिस सूत्रों के अनुसार, गणेशोत्सव के बाद उसे औपचारिक रूप से रिमांड पर लिया जाएगा।
पुलिस हिरासत में आरोपी मुकेश ने की आत्महत्या की कोशिश
वहीं दूसरी ओर, मुकेश महेंद्र साळवे, जिस पर मुकुंदवाड़ी इलाके में दो लोगों पर जानलेवा हमला करने का आरोप है, ने पुलिस हिरासत में आत्महत्या की कोशिश की। गुरुवार दोपहर क्रांति चौक पुलिस थाने में उसने अपनी शर्ट से फांसी लगाने का प्रयास किया।
बताया जा रहा है कि मुकेश ने पुलिस को धमकी दी थी कि वह उन्हें मुश्किल में डालेगा। आत्महत्या की कोशिश नाकाम रहने के बाद जब उसे मुकुंदवाड़ी पुलिस थाने ले जाया जा रहा था, तो उसने पुलिस वाहन में भी जमकर हंगामा किया और जाली पर सिर पटककर खुद को चोट पहुंचाने की कोशिश की। पुलिस ने इस पूरे मामले की लिखित नोंद कर ली है।
