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मराठा आरक्षण पर मनोज जरांगे का अल्टीमेटम – 17 सितंबर तक कुणबी प्रमाणपत्र नहीं दिए तो होगा बड़ा फैसला!

मराठा समाज के नेता मनोज जरांगे पाटील ने एक बार फिर राज्य सरकार को कड़ा इशारा दिया है। उन्होंने साफ कहा कि सरकार ने भले ही मराठा आरक्षण पर जीआर निकाला हो, लेकिन कुणबी प्रमाणपत्र वितरण की प्रक्रिया तुरंत तेज़ की जानी चाहिए। जरांगे ने अल्टीमेटम देते हुए कहा –
“17 सितंबर तक मराठवाड़ा के मराठा समाज के हाथों में कुणबी प्रमाणपत्र होना चाहिए, वरना मुझे बड़ा निर्णय लेना पड़ेगा।”

मराठा समाज को संयम का संदेश

जरांगे पाटील ने मुख्यमंत्री, दोनों उपमुख्यमंत्री और उपसमिति को सीधा संदेश देते हुए कहा –
“गांव-गांव में समितियां तुरंत काम पर लगाओ। मंगलवार या बुधवार को कैबिनेट बैठक लेकर 17 सितंबर के गज़ट के अनुसार तत्काल निर्णय लो। किसी भी प्रकार का बदलाव मत करो और जिन मराठों का रेकॉर्ड है, उन्हें तुरंत प्रमाणपत्र दो।”

सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने के बावजूद जरांगे ने समाज को संयम रखने का भी संदेश दिया। उन्होंने कहा –
“हमारी जीत हुई है, लेकिन कुछ लोगों को यह पच नहीं रहा। आधा महाराष्ट्र भ्रमित है, पढ़े-लिखे लोग भी कन्फ्यूज़ हैं। थोड़ा धैर्य रखो, लेकिन अपमान सहन नहीं करेंगे।”

“येवला वाले की बात मत सुनो” – जरांगे का सीधा वार

अपने भाषण में जरांगे ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर निशाना साधते हुए कहा –
“तुम लोग येवला वाले की बात मत सुनो। अगर तुम हमारे पीछे पड़ोगे, तो अब हम भी तुम्हारे पीछे पड़ेंगे। कुणबी से आरक्षण हमें हर हाल में चाहिए और समय आने पर उसी तरह जवाब देंगे।”

दसरा मेळावा बनेगा टर्निंग पॉइंट?

जरांगे ने दसरा मेळावा का हवाला देते हुए साफ चेतावनी दी –
“अगर सरकार ने गज़ट पर अपनी भूमिका तुरंत घोषित नहीं की, तो दसरा मेळावा में बड़ा फैसला लिया जाएगा।”

अब आने वाले कुछ दिनों में सरकार का रुख तय करेगा कि मराठा आंदोलन किस दिशा में आगे बढ़ेगा।

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