महाराष्ट्र की राजनीति में उथल-पुथल: अजित पवार का नवाब मलिक के समर्थन में प्रचार, महायुति में आपसी खींचतान
महाराष्ट्र की राजनीति में गुरुवार को उस समय हलचल मच गई जब उपमुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार ने मानकुर से नवाब मलिक और अनुशक्तिनगर से उनकी बेटी सना मलिक के समर्थन में प्रचार किया। यह कदम भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विरोध के बावजूद उठाया गया है, जिसने नवाब मलिक की उम्मीदवारी पर पहले ही सवाल खड़े कर दिए थे। अजित पवार का नवाब मलिक के पक्ष में आना महायुति (भाजपा-एनसीपी गठबंधन) के भीतर आपसी मतभेद और खींचतान का संकेत दे रहा है। इस पूरे घटनाक्रम से महायुति में भाजपा और एनसीपी के बीच तालमेल पर सवाल उठने लगे हैं।
नवाब मलिक और सना मलिक की उम्मीदवारी का भाजपा ने किया विरोध
भाजपा ने नवाब मलिक की उम्मीदवारी का कड़ा विरोध किया था। पार्टी के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस संबंध में अपनी आपत्ति भी व्यक्त की थी और एनसीपी को साफ-साफ अपनी स्थिति से अवगत कराया था। फडणवीस का मानना है कि नवाब मलिक का महायुति में शामिल होना गठबंधन के लिए अनुकूल नहीं है। लेकिन इसके बावजूद, अजित पवार ने नवाब मलिक को मानकुर से उम्मीदवार घोषित किया और उनकी बेटी सना मलिक को अनुशक्तिनगर से उतारने का निर्णय लिया। भाजपा नेता आशीष शेलार ने भी इस फैसले का विरोध करते हुए अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी थी।
अजित पवार का नवाब मलिक और सना मलिक के लिए प्रचार
गुरुवार को अजित पवार अनुशक्तिनगर में नवाब मलिक और सना मलिक के समर्थन में प्रचार करने पहुंचे। इस दौरान उनके स्वागत के लिए कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ उमड़ी। कई लोगों ने अजित पवार के गले में माला डालकर उनका स्वागत किया और फूल बरसाए। पूरे इलाके में नारेबाजी और उत्साह का माहौल था। अजित पवार, नवाब मलिक और सना मलिक एक ही गाड़ी में चुनाव प्रचार करते नजर आए, जिससे यह स्पष्ट संदेश गया कि अजित पवार नवाब मलिक के समर्थन में दृढ़ता से खड़े हैं।
नवाब मलिक ने अपने भाषण में कहा कि अजित पवार उनके लिए मजबूती से खड़े हैं और उन पर पूरा विश्वास रखते हैं। उन्होंने कहा कि एनसीपी ने उन्हें उम्मीदवार बनाकर उनके प्रति विश्वास व्यक्त किया है और यह उनके लिए गर्व का विषय है। मलिक ने कहा कि अजित पवार ने जिस साहस के साथ उन्हें उम्मीदवार बनाया है, लोग उसकी सराहना करने के लिए एकत्र हुए हैं।
अजित पवार का बयान: विकास और समस्याओं को दूर करने की प्रतिबद्धता
अजित पवार ने अपने संबोधन में कहा कि वह अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं और यह मतदाता हैं जो इस पर अंतिम फैसला करेंगे। उन्होंने मानकुर और अनुशक्तिनगर की समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि यहां अभी भी विकास कार्यों की कमी है और लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि अब तक विधायक अबू आजमी ने तीन बार क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है, लेकिन जो विकास होना चाहिए था, वह नहीं हो पाया। अजित पवार ने आश्वासन दिया कि नवाब मलिक को प्रतिनिधित्व मिलने के बाद यहां की सभी समस्याओं को दूर किया जाएगा और जनता के लिए जरूरी फैसले लिए जाएंगे।
महायुति में खींचतान और आपसी तालमेल पर सवाल
अजित पवार के इस कदम ने महायुति में आपसी तालमेल को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। भाजपा ने नवाब मलिक की उम्मीदवारी पर विरोध जताया था, जबकि एनसीपी नेता अजित पवार ने उनके पक्ष में प्रचार किया है। यह घटनाक्रम दर्शाता है कि महायुति के भीतर मतभेद गहरे हैं। भाजपा और एनसीपी के बीच समझौता होने के बावजूद, इस तरह के कदम से गठबंधन में असहजता और खींचतान स्पष्ट दिखाई दे रही है। भाजपा की तरफ से देवेंद्र फडणवीस ने पहले ही नाराजगी जताई थी, जिससे महायुति में भविष्य में और तनाव उत्पन्न हो सकता है।
आगामी चुनावों पर असर
अजित पवार के इस कदम के राजनीतिक प्रभाव पर कयास लगाए जा रहे हैं। भाजपा और एनसीपी के गठबंधन के बीच आपसी टकराव के बावजूद, अजित पवार का नवाब मलिक के समर्थन में प्रचार करना एक साहसिक कदम माना जा रहा है। इससे यह देखना दिलचस्प होगा कि मतदाता इस स्थिति का कैसे जवाब देते हैं। महायुति में इन मतभेदों का असर चुनावी नतीजों पर भी पड़ सकता है, और यह संभव है कि इससे गठबंधन के भीतर नई चुनौतियाँ खड़ी हो जाएँ।