सत्ता संघर्ष में संभाजी ने किया था अपनी सौतेली मां का कत्ल! गिरीश कुबेर की किताब ने किया दावा

महाराष्ट्र: हाल ही में औरंगज़ेब को लेकर छिड़े विवाद के बीच एक नया ऐतिहासिक विवाद सामने आ गया है। इतिहास को लेकर चल रही बहस के बीच पुरानी घटनाओं को दोबारा उछाला जा रहा है, जिससे कई ऐतिहासिक किरदारों की असलीयत पर सवाल उठ रहे हैं।
क्या है नया विवाद?
साल 2021 में मराठी दैनिक अखबार के संपादक गिरीश कुबेर की अंग्रेजी किताब “Renaissance State: The Unwritten Story & Making of Maharashtra” में यह दावा किया गया था कि छत्रपति शिवाजी की पत्नी सोयराबाई की हत्या उनके बड़े बेटे संभाजी ने की थी।
- किताब के अनुसार, संभाजी ने अपनी मां और उनके समर्थकों को सत्ता की लड़ाई में खत्म कर दिया।
- यह भी लिखा गया कि सत्ता संघर्ष के कारण शिवाजी का साम्राज्य कमजोर हो गया और इसका खामियाजा संभाजी को भुगतना पड़ा।
- उस वक्त महाराष्ट्र में इस दावे को लेकर बड़ा राजनीतिक विवाद हुआ था और बीजेपी ने इस किताब पर बैन लगाने की मांग की थी।
राजनीति बनाम इतिहास
इस विवाद से साफ हो गया है कि चाहे औरंगज़ेब हो या संभाजी, उनकी लड़ाई धर्म के नाम पर नहीं बल्कि सत्ता के लिए थी। इतिहास के पन्नों में दर्ज कहानियों को आज के दौर में धार्मिक रंग देने की कोशिश की जा रही है, जबकि असल में यह सत्ता संघर्ष के उदाहरण हैं।
इतिहासकारों का मानना है कि सत्ता और राजनीति के लिए खून-खराबा हर युग में हुआ है, और इसे धार्मिक लड़ाई के रूप में देखना ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने जैसा है।
क्या फिर भड़केगा विवाद?
- औरंगज़ेब को लेकर छिड़े हालिया विवाद के बाद अब संभाजी पर फिर से चर्चा शुरू हो सकती है।
- इतिहास को राजनीति से जोड़ने की प्रवृत्ति समाज में तनाव पैदा कर सकती है।
- सवाल उठता है कि क्या इतिहास को धर्म की नजर से देखने के बजाय सत्ता संघर्ष के रूप में देखा जाना चाहिए?
निष्कर्ष:
इतिहास के पन्नों को कुरेदने से सिर्फ विवाद ही नहीं, बल्कि कई छुपे हुए सच भी सामने आते हैं। सत्ता संघर्ष हर दौर में होता रहा है, लेकिन उसे धार्मिक चश्मे से देखने से सच्चाई धुंधली हो जाती है। अब देखना यह होगा कि इस नए विवाद पर महाराष्ट्र और देश की राजनीति कैसी प्रतिक्रिया देती है।