चुनाव आयोग पर कांग्रेस का वार: “अक्षमता और पक्षपात बेनकाब, राहुल गांधी को नोटिस देकर BJP की भाषा बोल रहा EC”

नई दिल्ली – चुनाव आयोग की रविवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आयोग के उस दावे को “हास्यास्पद” बताया, जिसमें कहा गया था कि आयोग सत्ताधारी दल और विपक्ष में कोई भेदभाव नहीं करता।
कांग्रेस ने उठाए गंभीर सवाल
जयराम रमेश ने पूछा कि क्या चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट द्वारा 14 अगस्त को दिए गए आदेश को बिहार की एसआईआर प्रक्रिया में अक्षरशः लागू करेगा? उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के सासाराम से ‘इंडिया’ जनबंधन की मतदाता अधिकार यात्रा शुरू करने के तुरंत बाद चुनाव आयोग ने यह बयान दिया, जिससे उसकी निष्पक्षता पर सवाल खड़े होते हैं।
कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि आयोग की “अक्षमता और पक्षपात अब पूरी तरह उजागर” हो चुका है। पार्टी ने आरोप लगाया कि आयोग सीधे बोलने के बजाय पहले हमेशा सूत्रों के जरिए अपनी बात कहता रहा, लेकिन इस बार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई देने को मजबूर हुआ।
मतदाता सूची को लेकर विवाद
कांग्रेस का कहना है कि आयोग ने मतदाता सूची सुधार की जिम्मेदारी राजनीतिक दलों और व्यक्तियों पर डाल दी है, जबकि यह उसकी संवैधानिक जिम्मेदारी है। इस पर विपक्षी दलों और जनता ने भी कड़ी आपत्ति जताई थी।
राहुल गांधी को अल्टीमेटम
इसी बीच, चुनाव आयोग ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को 7 दिन का अल्टीमेटम दिया है। आयोग ने कहा है कि यदि राहुल गांधी हलफनामा दाखिल नहीं करते, तो उनके आरोपों को “निराधार और अमान्य” मान लिया जाएगा। साथ ही, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने दोहरे मतदान और “वोट चोरी” के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया।
राजनीतिक टकराव तेज
चुनाव आयोग और कांग्रेस के बीच यह तकरार आने वाले विधानसभा व लोकसभा चुनावों से पहले बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर रही है। कांग्रेस का आरोप है कि आयोग पक्षपात कर रहा है, जबकि आयोग बार-बार अपनी निष्पक्षता का दावा करता रहा है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि राहुल गांधी आयोग के नोटिस का क्या जवाब देते हैं।
