लोणार में संत ज्ञानेश्वर महाराज की जयंती पर हास्यास्पद दिंडी – मुख्याधिकारी नदारद, कर्मचारी भी न दिखे
प्रतिनिधि – फिरदोस खान पठाण

संतश्रेष्ठ श्री ज्ञानेश्वर महाराज का सन 2025 वर्ष सप्तशतकोत्तर सुवर्ण महोत्सवी (750वीं) जयंती वर्ष है। आने वाली गोकुल अष्टमी (15 अगस्त 2025) को संतश्रेष्ठ श्री ज्ञानदेव महाराज की 750वीं जयंती पूरे महाराष्ट्र में भव्य रूप से मनाई जानी है।
राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा 28 जुलाई 2025 को स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि इस अवसर पर 15 अगस्त को शाम 5 बजे से 7 बजे तक सभी महानगरपालिकाओं, नगरपालिकाओं और नगर परिषदों को संतश्रेष्ठ श्री ज्ञानेश्वर महाराज की प्रतिमा/पालखी की मिरवणूक (दिंडी) पूरे नगर क्षेत्र से निकालकर उत्सव मनाना अनिवार्य होगा।
लेकिन उल्का नगरी (लोणार) नगरपालिका प्रशासन ने आदेश की खिल्ली उड़ाते हुए केवल औपचारिकता निभाई। मुख्याधिकारी एवं प्रशासक विभा वराडे स्वयं कार्यक्रम से नदारद रहीं। नगरपालिके से थोड़ी दूरी पर एक कुर्सी पर फोटो रखकर अल्प संख्या में कर्मचारियों के साथ दिखावे के तौर पर दिंडी निकाली गई। इस हास्यास्पद आयोजन से नागरिकों में आक्रोश फैल गया है।
नागरिकों का कहना है कि –
“यदि नगरपालिका प्रशासन वास्तव में गंभीर होता तो दिंडी में नगरपालिका कर्मचारी, स्कूल के शिक्षक, विद्यार्थी, भजनी मंडल और नगर के प्रतिष्ठित नागरिकों को शामिल कर इसे ऐतिहासिक बनाया जा सकता था। लेकिन जानबूझकर केवल वरिष्ठों को दिखाने के लिए औपचारिकता पूरी की गई।”
स्थानीय लोगों का आरोप है कि विभा वराडे अक्सर स्वास्थ्य का कारण बताकर कार्यालयीन समय में भी अनुपस्थित रहती हैं और अब तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसी कारण शहर में तरह-तरह की चर्चाएँ चल रही हैं।
अब देखने वाली बात यह होगी कि इस बार अनुपस्थित रहने वाली “मुजोर मुख्याधिकारी” पर शासन कार्रवाई करता है या नहीं।
संतश्रेष्ठ श्री ज्ञानेश्वर महाराज राज्य के आराध्य संत हैं। उनकी 750वीं जयंती पर निकली दिंडी के प्रति नगरपालिका की यह उदासीनता श्रद्धालुओं को गहरी निराशा दे गई है।
