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नागपुर में वंचित बहुजन आघाड़ी में बगावत, पूर्व संयोजक रवी शेंडे ने लगाए गंभीर आरोप और दिया इस्तीफा

नागपुर: महाराष्ट्र की राजनीति में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रही वंचित बहुजन आघाड़ी (VBA) में एक बार फिर अंदरूनी कलह उजागर हो गई है। नागपुर के वंचित बहुजन आघाड़ी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदर्भ संयोजक रवी शेंडे ने आर्थिक लेन-देन के गंभीर आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।

रवी शेंडे ने सीधे नागपुर जिला प्रभारी कुशल मेश्राम पर आरोप लगाया कि उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान प्रस्थापित पार्टियों से आर्थिक सौदेबाज़ी कर “मनपसंद उम्मीदवारों” को टिकट दिया। इस वजह से पार्टी का जनाधार कमजोर हुआ और एक भी उम्मीदवार को 3 हजार से अधिक वोट नहीं मिल पाए।

गौरतलब है कि रवी शेंडे पार्टी की स्थापना से ही उससे जुड़े हुए थे और लंबे समय तक नागपुर शहर अध्यक्ष के रूप में कार्यरत रहे। लेकिन मौजूदा घटनाक्रम को देखते हुए उन्होंने संयोजक पद और पार्टी की अन्य सभी जिम्मेदारियों से इस्तीफा देने का निर्णय लिया।

यह इस्तीफा वंचित बहुजन आघाड़ी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि शेंडे के साथ ही नागपुर शहर के चार विधानसभा क्षेत्रों के अध्यक्षों ने भी पद छोड़ दिया है। इससे पार्टी की स्थानीय संगठनात्मक ताकत पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।

राजनीतिक हलकों में इस घटनाक्रम को बेहद गंभीर माना जा रहा है। चर्चा है कि आगामी स्थानीय स्वराज्य संस्था और विधानसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में वंचित बहुजन आघाड़ी में शुरू हुई यह फूट भाजपा, कांग्रेस और महा विकास आघाड़ी जैसे बड़े दलों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।

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