मुंबई में चार दिन बाद दिखी धूप, मगर पश्चिम महाराष्ट्र में नदियों ने मचाया कहर

मुंबई: पिछले चार दिनों से मुंबई में लगातार हुई मूसलधार बारिश ने शहर की रफ्तार रोक दी थी। सड़कों पर पानी भर गया, रेलवे ट्रैक डूब गए, लोकल ट्रेनें ठप पड़ीं, घरों में पानी घुस गया और नदियों-नालों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी। लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया था। लेकिन गुरुवार (21 अगस्त) को चार दिन बाद मुंबईकरों को खुले आसमान की झलक मिली।
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे के लिए मुंबई और उपनगरों में बादल छाए रहने की संभावना जताई है। कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम और कहीं-कहीं तेज बारिश हो सकती है। तापमान 28°C अधिकतम और 24°C न्यूनतम रहने का अनुमान है। इसके साथ ही मुंबई के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
मुंबई और आसपास बारिश का जोर कम हुआ है, लेकिन अब इसका रुख पश्चिम महाराष्ट्र की ओर हो गया है। यहां कोल्हापुर, सांगली और सोलापुर जिलों में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। कई निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने से लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है।
कोल्हापुर में गुरुवार को बारिश थमी जरूर, लेकिन लगातार हुई बरसात से पंचगंगा नदी खतरे के स्तर पर बह रही है। 79 से अधिक बांध पानी में डूबे हैं। कोल्हापुर-पन्हाला और कोल्हापुर-शिये मार्ग यातायात के लिए बंद कर दिए गए हैं। राधानगरी और दूधगंगा धरण क्षेत्र में बारिश कम होने से विसर्ग (पानी छोड़े जाने की मात्रा) में कमी आई है।
उजनी और वीर धरण में भी पानी की लगातार आवक हो रही है। उजनी धरण से आज 1 लाख 72 हजार क्यूसेक पानी भीमा नदी में छोड़ा जा रहा है, वहीं वीर धरण से 54,760 क्यूसेक पानी नीरा नदी में छोड़ा गया है। इससे भीमा और नीरा नदी किनारे बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। निचले इलाकों में पानी घुसने से करीब 100 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है।
उधर, कोकण में भी पिछले आठ-दस दिनों से बरस रही बारिश अब थम गई है। गुरुवार को कई दिनों बाद रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग और रायगढ़ जिलों में धूप निकली। हालांकि, पिछले सप्ताह की बारिश ने इन जिलों में भारी नुकसान पहुंचाया। जगबुडी और वाशिष्ठी नदियां खतरे के स्तर से ऊपर बहने लगी थीं, जिससे चिपळूण शहर में भी पानी भर गया था।
👉 फिलहाल मुंबईकरों को बारिश से थोड़ी राहत मिली है, लेकिन पश्चिम महाराष्ट्र और कोकण के कई हिस्सों में बाढ़ का खतरा अभी भी बना हुआ है।
