‘माझी लाडकी बहीण’ योजना में बड़ा घोटाला, 26 लाख से ज्यादा फर्जी लाभार्थी उजागर, अजित पवार के जिले में फर्जी लाभार्थी अधिक

पुणे: महाराष्ट्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग सामने आया है। सरकार द्वारा चलाए गए विशेष अभियान में 26 लाख 34 हजार से अधिक फर्जी लाभार्थी पकड़े गए हैं, जो पात्र न होते हुए भी हर महीने ₹1500 की आर्थिक मदत ले रहे थे। इससे सरकारी खजाने को करोड़ों का फटका लगा है।
सबसे ज्यादा फर्जी लाभार्थी उपमुख्यमंत्री और पुणे के पालकमंत्री अजित पवार के जिल्हे पुणे में पाए गए हैं। अकेले पुणे जिले में 2 लाख 4 हजार फर्जी लाभार्थी उजागर हुए। इस पर जब पुणे में अजित पवार से सवाल पूछा गया तो उन्होंने प्रत्यक्ष भूमिका स्पष्ट न करताना सिर्फ इतना कहा – “…मग योजना बंद करू का?” (तो क्या योजना बंद कर दें?).
जिलावार फर्जी लाभार्थियों की संख्या
- पुणे – 2 लाख 4 हजार
- नाशिक – 1 लाख 86 हजार 800
- अहमदनगर – 1 लाख 25 हजार 756
- ठाणे – 1 लाख 25 हजार 300
- औरंगाबाद – 1 लाख 4 हजार 700
- सोलापुर – 1 लाख 4 हजार
- कोल्हापूर – 1 लाख 1 हजार 400
- मुंबई उपनगर – 1 लाख 13 हजार
- नांदेड – 92 हजार
- सांगली – 90 हजार
- सातारा – 86 हजार
- धुळे – 75 हजार
- जालना – 73 हजार
- पालघर – 72 हजार
- बीड – 71 हजार
- लातूर – 69 हजार
- नागपुर – 95 हजार 500
- अमरावती – 61 हजार
इस घोटाले का खुलासा होने के बाद सरकार ने राज्यभर में सभी लाभार्थियों की ई-केवायसी के जरिए दोबारा जांच करने का निर्णय लिया है, ताकि पात्र लाभार्थियों को ही योजना का फायदा मिल सके।
👉 यह मामला अब राजनीतिक रंग भी ले चुका है, क्योंकि दोनों ही उपमुख्यमंत्री के जिलों में फर्जी लाभार्थियों की संख्या सर्वाधिक पाई गई है।
