मुख्यमंत्री फडणवीस ने और बढ़ाई औरंगाबाद की प्यास : अक्टूबर की जगह अब दिसंबर से मिलेगा पानी

औरंगाबाद : लंबे समय से पानी की किल्लत झेल रहे औरंगाबाद के नागरिकों को अब और इंतजार करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पहले मंत्रालय में बैठक लेकर यह भरोसा दिलाया था कि अक्टूबर तक नई योजना से शहर को पर्याप्त पानी उपलब्ध कराया जाएगा। लेकिन शनिवार (23 अगस्त) को औरंगाबाद के पास फरोला में 26 एमएलडी क्षमता वाले नए जलशुद्धिकरण केंद्र का उद्घाटन करते समय उन्होंने इस वादे से पीछे हटते हुए अब दिसंबर का नया लक्ष्य घोषित किया।
शहर पहले ही पानी की भारी किल्लत से परेशान है और नागरिकों को अब और चार महीने इंतजार करना होगा। पिछले 20 वर्षों से नेताओं और अधिकारियों की टालमटोल और राजनीति की वजह से औरंगाबाद के लोगों को पानी के संकट से गुजरना पड़ा है। इस विषय पर ‘सकाळ’ समाचार पत्र ने विशेष रिपोर्ट प्रकाशित कर प्रशासन और सरकार को कटघरे में खड़ा किया था। इसके बाद मुख्यमंत्री ने काम की गति तेज करने का आदेश दिया और अक्टूबर तक पानी देने का आश्वासन दिया था।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कार्यक्रम में कहा कि दिसंबर तक शहर को 200 एमएलडी अतिरिक्त पानी उपलब्ध कराया जाएगा और मार्च 2026 तक पूरी योजना पूरी कर ली जाएगी। महाराष्ट्र जल जीवन प्राधिकरण और नगर निगम ने अभी तक 82 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है। यह योजना शहर की अगले 30 वर्षों की पानी की जरूरतों को देखते हुए बनाई गई है, ताकि नागरिकों को 365 दिन, 24 घंटे पानी मिल सके।
इस मौके पर संरक्षक मंत्री संजय शिरसाट, मंत्री अतुल सावे, विपक्ष के नेता अंबादास दानवे, सांसद संदीपान भुमरे, केंद्रीय मंत्री डॉ. भागवत कराड, विधायक प्रदीप जैस्वाल, सतीश चौहान, नारायण कुचे, अनुराधा चौहान, पूर्व महापौर नंदकुमार घोडेले सहित कई जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। मंच से ही मुख्यमंत्री ने ठेकेदार से सवाल किया कि काम कब तक पूरा होगा? और आदेश दिया कि मार्च 2026 तक योजना हर हाल में पूरी होनी चाहिए।
नगर निगम को मिलेगा 822 करोड़ रुपये
इस 2,740 करोड़ रुपये की परियोजना में नगर निगम का 822 करोड़ रुपये का हिस्सा है। नगर निगम की वित्तीय स्थिति कमजोर होने से यह राशि जुटाना मुश्किल हो रहा था। मुख्यमंत्री ने बताया कि इसके लिए हुडको से कर्ज की व्यवस्था की गई है और एक महीने के भीतर यह रकम उपलब्ध हो जाएगी। इससे नगर निगम की चिंता भी खत्म हो जाएगी।
निष्कर्ष
अब औरंगाबाद के नागरिकों को अक्टूबर नहीं बल्कि दिसंबर तक इंतजार करना होगा। तभी जाकर शहर को अतिरिक्त 200 एमएलडी पानी मिलेगा। लंबे इंतजार से जनता में नाराजगी है, लेकिन मुख्यमंत्री के नए आश्वासन से उम्मीदें भी जगी हैं कि आने वाले वर्षों में पानी की समस्या स्थायी रूप से दूर होगी।
