हनीमून पर भी पत्नी को खुश न कर सका पति! नपुंसकता का आरोप लगाकर मांगा 90 लाख मुआवज़ा, हाईकोर्ट का चौंकाने वाला फैसला

हैदराबाद से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने पति पर नपुंसक होने का आरोप लगाते हुए तलाक और 90 लाख रुपये की पोटगी की मांग की थी। हालांकि तेलंगाना उच्च न्यायालय ने उसकी याचिका को खारिज कर दिया है।
दरअसल, दिसंबर 2013 में महिला की शादी हुई थी। उसके मुताबिक उसने पति के साथ दो बार हनीमून मनाया — पहली बार 2013 में केरल में और दूसरी बार 2014 में कश्मीर में। महिला का आरोप था कि उसका पति शारीरिक संबंध नहीं बना पाया और उसे खुश नहीं कर सका, इस वजह से उनका विवाह कभी पूरा ही नहीं हो पाया।
महिला का दावा था कि उसके पति ने यह तथ्य छुपाया कि वह रूमेटॉइड आर्थरायटिस से पीड़ित है, जिससे उसे इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या हुई। उसने कहा कि यह हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के तहत ‘क्रूरता’ है। उसने 2017 की मेडिकल रिपोर्ट का हवाला भी दिया जिसमें पति को वैवाहिक जीवन के लिए अयोग्य और संतानोत्पत्ति में असमर्थ बताया गया था।
पत्नी ने कोर्ट में तलाक और 90 लाख रुपये के गुज़ारे-भत्ते की मांग की। लेकिन पति ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि यह सच है कि उसे कभी-कभी इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या हुई थी, लेकिन उसने इलाज कराया और पत्नी के साथ संबंध भी बनाए थे, जिसमें दोनों हनीमून भी शामिल थे।
तेलंगाना हाईकोर्ट ने महिला की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि महिला के आरोपों का कोई ठोस सबूत नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि विवाह के पांच साल बाद पत्नी का यह दावा स्वीकार्य नहीं है कि पति नपुंसक है या उसने विवाह में धोखाधड़ी की।
