औरंगाबाद में सड़क चौड़ीकरण पर बवाल: मुआवजे की मांग को लेकर आयुक्त जी. श्रीकांत के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन

औरंगाबाद: मनपा आयुक्त जी. श्रीकांत के दिल्लीगेट स्थित जलश्री बंगले के सामने सड़क चौड़ीकरण में प्रभावित हुए संपत्ति धारकों ने विनोद पाटील के नेतृत्व में आंदोलन करने का प्रयास किया, जिससे माहौल गर्मा गया। आंदोलनकारियों की मांग थी कि पहले संपत्ति का मुआवजा दिया जाए और उसके बाद ही कानूनी प्रक्रिया अपनाकर कार्रवाई की जाए। इस दौरान प्रभावित संपत्ति धारकों ने विभागीय आयुक्त कार्यालय के सामने प्रदर्शन करते हुए “जी. श्रीकांत मुर्दाबाद” और “दादागिरी नहीं चलेगी” जैसे नारे लगाए।
नागरिकों का कहना था कि उन्हें सड़क चौड़ीकरण का विरोध नहीं है, लेकिन जिनकी संपत्ति तोड़ी गई है उन्हें उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए। विनोद पाटील ने स्पष्ट किया कि पूरी कार्रवाई नियम और कानून के दायरे में होनी चाहिए। उन्होंने 26 अगस्त को मनपा आयुक्त के सरकारी निवास स्थान के बाहर आंदोलन करने और उन्हें शहर में घूमने न देने की चेतावनी भी दी थी। हालांकि, पुलिस ने बंगले के बाहर आंदोलन की अनुमति नहीं दी। इसके बाद आंदोलनकारियों ने विभागीय आयुक्त कार्यालय के बाहर टेंट लगाकर धरना शुरू किया और जमकर नारेबाजी की।
प्रदर्शनकारियों ने “मुआवजा हमारा हक है” लिखे हुए बैनर और आयुक्त जी. श्रीकांत के फोटो पर क्रॉस का निशान लगे पोस्टर हाथ में लिए हुए थे। आंदोलन के दौरान कई प्रभावित नागरिकों ने अपना पक्ष रखा। वहीं, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शहराध्यक्ष अभिजीत देशमुख, पूर्व उपमहापौर राजू शिंदे, पूर्व नगरसेवक युनुस पटेल, गोकुल मलके और रवी कावडे ने भी आंदोलन स्थल पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया।
आंदोलन में बड़ी संख्या में संपत्ति धारक मौजूद थे, जिससे कुछ समय के लिए यातायात प्रभावित हो गया। मौके पर पुलिस का भारी बंदोबस्त भी तैनात किया गया था।
