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नांदेड-हैदराबाद मार्ग ठप, ग्रामीणों ने फंसे यात्रियों को खिलाई खिचड़ी

नांदेड: (रिपोर्ट–नुमान पठान) ज़िले के बिलोली तालुक़ा क्षेत्र में मन्याड नदी के उफान के कारण नांदेड-हैदराबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर अभी भी यातायात ठप्प पड़ा है। टाकळी-वझरगा मार्ग पर नदी का पानी कल शाम से तेज़ी से फैलकर खतरा बन गया था।

महामार्ग पर टाकळी से लेकर केरूर, बोरगांव पाटी तक गाड़ियों की लंबी कतारें लग गईं। सैकड़ों यात्री और विभिन्न राज्यों से आए ट्रक, कंटेनर चालक इस हिस्से में फँस गए। स्थानीय प्रतिष्ठित नागरिकों ने इन फँसे हुए लोगों के लिए खिचड़ी की व्यवस्था की।

शुक्रवार (29 अगस्त) को दोपहर के बाद पुराने थडीसावळी और पुराने गळेगांव गांवों में पानी बढ़ जाने से नागरिकों को नज़दीकी आदमपुर गांव में शरण लेनी पड़ी। कई लोग रिश्तेदारों और परिचितों के घरों में ठहरे।

बारिश और बाढ़ की वजह से आळंदी, तुपशेळगांव, वझरगा, शेवाळा, हिप्परगा, केसराळी, सगरोळी, बोळेगांव, कार्ला, गंजगाव, हुनगुंदा, मंदरना समेत कई गांवों की हज़ारों हेक्टेयर खेती पूरी तरह पानी में डूब गई। सोयाबीन, तूर, उड़द और मूंग की फसलें बर्बाद हो गईं। कई जगहों पर पुराने घरों की दीवारें गिर गईं और सड़कों के धसने से गांवों का संपर्क टूट गया।

आदमपुर में विस्थापित नागरिकों के लिए अहिल्याबाई होळकर चौक, महादेव मंदिर, ज़िला परिषद स्कूल आदि जगहों पर ठहरने और खाने की व्यवस्था की गई। इस काम में शिवानंद डोईफोडे, प्रभाकर पेंटे, माधव राहिरे, थडीसावळी सरपंच शिवचंदन अनपलवार सहित स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता आगे आए।

देगलूर और बिलोली तालुका समेत ज़िले के कई स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी घोषित की गई। पुलिस, होमगार्ड, महसूल अधिकारी, तलाठी, ग्रामसेवक और मंडल अधिकारी लगातार हालात का जायज़ा ले रहे हैं।

टाकळी स्थित राजमार्ग पर उपविभागीय पुलिस अधिकारी श्याम पानेगांवकर ने भी निरीक्षण किया। कुछ देर बारिश थमी, लेकिन लोकडोबा मंदिर, भोसग्या, आदमपुर, थडीसावळी और आसपास के इलाक़ों में मन्याड नदी के बैकवॉटर से नया खतरा मंडरा रहा है।

वृत्त लिखे जाने तक नांदेड-हैदराबाद राजमार्ग पर यातायात पूरी तरह से ठप्प था और शाम तक पानी का स्तर और बढ़ने की चर्चा हो रही थी।

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