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जम्मू-कश्मीर में तबाही: रियासी में एक ही परिवार के 7 सदस्य जिंदा दफन, रामबन में बादल फटने से 4 की मौत

जम्मू-कश्मीर में प्राकृतिक आपदा ने एक बार फिर बड़ा कहर बरपाया है। रियासी जिले के सुदूरवर्ती बदर गांव में शनिवार सुबह हुए भूस्खलन (लैंडस्लाइड) में एक ही परिवार के सात लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में दंपति और उनके पांच छोटे बच्चे शामिल हैं। वहीं, रामबन जिले के राजगढ़ इलाके में बादल फटने से चार लोगों की जान चली गई और एक व्यक्ति अभी भी लापता है।

रियासी में एक ही परिवार खत्म

जानकारी के मुताबिक, रियासी जिले के माहौर इलाके के बदर गांव में नजीर अहमद (38) का मकान पहाड़ी ढलान पर स्थित था। शनिवार सुबह अचानक आए भूस्खलन के चलते मकान मलबे में दब गया। हादसे के समय परिवार सो रहा था। इस दर्दनाक घटना में नजीर अहमद, उनकी पत्नी वजीरा बेगम (35) और उनके पांच बेटे – बिलाल अहमद (13), मोहम्मद मुस्तफा (11), मोहम्मद आदिल (8), मोहम्मद मुबारक (6) और मोहम्मद वसीम (5) की मौके पर ही मौत हो गई।
स्थानीय लोगों और पुलिस-प्रशासन की टीमों ने कड़ी मशक्कत के बाद शवों को मलबे से बाहर निकाला। गांव में मातम पसरा हुआ है और हर कोई इस त्रासदी से सदमे में है।

रामबन में बादल फटा, चार की मौत

इसी बीच, रामबन जिले के राजगढ़ इलाके में बादल फटने से भारी तबाही हुई। यहां एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य सदस्य लापता है। प्रशासन और बचाव दल लापता व्यक्ति की तलाश में जुटे हुए हैं।

अब तक 54 मौतें, हालात गंभीर

पिछले कुछ दिनों से जम्मू क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश, बाढ़ और लैंडस्लाइड से हालात बेहद खराब हैं। अलग-अलग घटनाओं में अब तक 54 लोगों की मौत हो चुकी है। कई इलाकों में लोग डरे-सहमे हैं और प्रशासन राहत व बचाव कार्य में जुटा है।

नेताओं की संवेदनाएं और राहत पैकेज की मांग

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रियासी और रामबन की घटनाओं पर गहरा दुख जताया और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। वहीं, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार से तत्काल राहत पैकेज की मांग की। उन्होंने कहा कि हाल की बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने जम्मू-कश्मीर में व्यापक तबाही मचाई है। ऐसे हालात में केंद्र को 2014 की तर्ज पर एक विशेष पैकेज की घोषणा करनी चाहिए ताकि प्रभावित परिवारों को सहारा मिल सके।

निष्कर्ष

रियासी और रामबन की ये घटनाएं इस बात का संकेत हैं कि जम्मू-कश्मीर लगातार प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और बारिश की संभावना जताई है, जिससे चुनौती और बढ़ सकती है। प्रशासन ने लोगों से सावधानी बरतने और जोखिम वाले इलाकों से दूर रहने की अपील की है।

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