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मराठा आरक्षण की लड़ाई: मनोज जरांगे-पाटील का उपोषण तीसरे दिन भी जारी

मुंबई: मराठा आरक्षण के लिए मनोज जरांगे-पाटील ने मुंबई के आज़ाद मैदान में शुरू किया उपोषण आज तीसरे दिन में प्रवेश कर गया है। राज्य भर से बड़ी संख्या में मराठा आंदोलनकारी मुंबई पहुंचे हैं और उनके दृढ़ संकल्प के कारण आज़ाद मैदान का माहौल गर्म है। जरांगे-पाटील की मांग है कि सरकार मराठा समाज को कुणबी प्रमाणपत्र देकर ओबीसी श्रेणी में आरक्षण प्रदान करे।

सरकार के साथ चर्चा विफल
शनिवार रात मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस और मराठा आरक्षण उपसमिति के नेताओं के साथ हुई बैठक में कोई समाधान नहीं निकला। जरांगे-पाटील ने सरकार से तत्काल मराठा-कुणबी को एक ही वर्ग मानते हुए अध्यादेश जारी कर गज़ट में प्रकाशित करने और आरक्षण लागू करने की मांग की। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया कि कोई भी निर्णय कानून की सीमा के भीतर ही लिया जाएगा। इससे सरकार और आंदोलनकारियों के बीच टकराव जारी है।

आंदोलनकारियों की परेशानी और मदद का प्रवाह
मुंबई में बारिश और अपर्याप्त सुविधाओं के कारण आंदोलनकारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विशेष रूप से भोजन और पानी की कमी महसूस हो रही है। बावजूद इसके, कई सामाजिक संगठन, राजनीतिक दल और आम नागरिक आंदोलनकारियों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। मनसे द्वारा आंदोलनकारियों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है और राज्य भर से भाकरी, चटनियां और अन्य खाद्य सामग्री मुंबई भेजी जा रही है।

आखिरी लड़ाई और आगे की रणनीति
मनोज जरांगे-पाटील ने कहा है कि “मराठा आरक्षण के लिए यह अंतिम लड़ाई है” और जब तक आरक्षण नहीं मिलता, वे पीछे नहीं हटेंगे। आज तीसरे दिन भी उनका उपोषण जारी है। आंदोलनकारियों की बढ़ती संख्या और उनकी मांगों के दबाव को देखते हुए सरकार अगले कदम क्या उठाती है, इस पर पूरा राज्य नजर रखे हुए है। संभावना है कि आज कुछ वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और मंत्री फिर से जरांगे-पाटील से मुलाकात करेंगे।

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