मराठा समाज को ओबीसी आरक्षण नहीं मिलेगा: चंद्रकांत पाटील ने आंदोलनकारियों को दिया सख्त संदेश

मराठा समाज को ईडब्ल्यूएस और एसईबीसी आरक्षण तो मिल चुका है, लेकिन राजनीतिक आरक्षण नहीं मिलने के कारण आंदोलन शुरू किया गया है। मनोज जरांगे-पाटील द्वारा मुंबई में चल रहे मराठा आरक्षण आंदोलन का उद्देश्य राजनीतिक आरक्षण दिलवाना है, ऐसा गंभीर आरोप उच्च व तंत्रशिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील ने लगाया। मंत्री पाटील रविवार को पंढरपूर पहुंचे और पत्रकारों से बातचीत की।
चंद्रकांत पाटील ने कहा कि मराठा आरक्षण के नाम पर जरांगे सामान्य मुंबईकरों को परेशान कर रहे हैं। ओबीसी के माध्यम से आरक्षण मिलने की संभावना नहीं है। इसलिए जरांगे यह कहकर मराठा समाज को ओबीसी आरक्षण दिलाने की मांग कर रहे हैं, जो अनुचित है। मुख्यमंत्री फडणवीस इस समय जरांगे से मुलाकात नहीं करेंगे, लेकिन शिष्टमंडल के माध्यम से चर्चा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने हमेशा सभी समाजों का ध्यान रखा है और मराठा समाज का कभी अपमान नहीं किया। जो भी किया जा सकता था, वह उन्होंने अब तक किया। जरांगे को लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करना चाहिए। चर्चा से समाधान निकल सके तो वह उचित रहेगा, ऐसा भी उन्होंने कहा।
आरक्षण को कोर्ट में फंसा दिया जाएगा क्या? जिनका वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम है, उन्हें आर्थिक रूप से पिछड़े (ईडब्ल्यूएस) आरक्षण मिल चुका है। कोर्ट ने भी इसे मान्यता दी है। ईडब्ल्यूएस ही मराठों का वास्तविक आरक्षण है। बिना किसी नोंद या प्रमाण के कोई भी कदम नहीं उठाया जा सकता। क्या आरक्षण को कोर्ट में फंसाना ही समाधान है, या आंदोलन से ही हमें राहत मिल सकती है? कुछ देने या समाधान निकालने की कोशिश करनी चाहिए, इसका निर्णय जरांगे को खुद करना होगा, ऐसा सवाल चंद्रकांत पाटील ने मनोज जरांगे से किया।
