Breaking NewsMaharashtraMumbaiPolitics

मराठा आरक्षण जीआर पर विनोद पाटील का हमला, कहा – “इससे एक भी सर्टिफिकेट नहीं निकलेगा”

मराठा आंदोलन के प्रमुख याचिकाकर्ता और नेता विनोद पाटील ने सरकार द्वारा मनोज जरांगे पाटील को दिए गए जीआर को पूरी तरह निरर्थक बताया है। उन्होंने कहा कि इस जीआर से समाज को न तो कोई फायदा होगा और न ही कोई नया हक मिलेगा। साथ ही उन्होंने मराठा आरक्षण समिती के अध्यक्ष राधाकृष्ण विखे पाटील से सामने आकर इस जीआर का अर्थ स्पष्ट करने की मांग की है।

विनोद पाटील ने कहा, “पिछली बार गुलाल एकनाथ शिंदे ने खेला था, लेकिन उसका जवाब उन्होंने नहीं दिया। इस बार गुलाल राधाकृष्ण विखे पाटील ने खेला है, तो अब जवाब भी उन्हें ही देना चाहिए। इस जीआर को अगर मैं 100 में से अंक दूं तो इसे माइनस जीरो दूंगा।”

उन्होंने आगे कहा, “समाज मुझसे उम्मीद लगाए बैठा है। मैंने न्यायालयीन लड़ाई लड़ी है और मैं छाती ठोककर कहता हूं कि इस जीआर से एक भी सर्टिफिकेट नहीं निकलेगा। मांग करने वाले तो मांगते रहेंगे, लेकिन समिति के अध्यक्ष विखे पाटील को आगे आकर इसकी जबाबदारी लेनी चाहिए और प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ करना चाहिए कि आखिर यह जीआर किस काम का है।”

विनोद पाटील ने यह भी कहा कि वे उन मराठा आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि तक नहीं दे पाए जिन्होंने आरक्षण के लिए बलिदान दिया। इस बात की खंत हमेशा रहेगी।

मनोज जरांगे की कौन सी मांगें मानी गईं?
मनोज जरांगे पाटील ने बीते 5 दिनों से मुंबई के आज़ाद मैदान में अनशन पर बैठकर मराठा समाज को ओबीसी श्रेणी में आरक्षण देने की मांग की थी। इसके साथ ही उन्होंने हैदराबाद और सातारा गज़ट लागू करने, आंदोलनकारियों पर दर्ज मामलों को वापस लेने और आंदोलन के दौरान मारे गए मराठा कार्यकर्ताओं के परिवार को मुआवजा व नौकरी देने की मांग भी उठाई थी।

राज्य सरकार की मंत्रिमंडल उपसमिति के प्रमुख राधाकृष्ण विखे पाटील समेत अन्य सदस्य सोमवार (2 सितंबर) को आज़ाद मैदान पहुंचे और जरांगे को आश्वासन दिया कि उनकी सभी मांगें मान ली गई हैं। सरकार ने मराठा और कुणबी को एक ही मानने वाला जीआर जारी करने के लिए 2 महीने का समय मांगा है, जबकि अन्य मांगों पर तुरंत निर्णय लिया गया।

सरकार की घोषणा के बाद मनोज जरांगे पाटील ने अनशन समाप्त कर दिया। इस मौके पर आज़ाद मैदान में मौजूद मराठा आंदोलनकारियों ने गुलाल उड़ाकर और नारेबाजी कर खुशी का इज़हार किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button