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जालना में वन संपदा पर संकट, साद बीन मुबारक ने उठाया पर्दा – वनपाल राऊत पर माफियाओं से मिलीभगत का आरोप

जालना में वनपाल राऊत पर गंभीर आरोप – लाखों की अवैध वसूली और माफियाओं से सांठगांठ का मामला उजागर

जालना: (प्रतिनिधि–कादरी हुसैन) जालना जिले में अवैध लकड़ी तस्करी और वन विभाग की जमीनों पर कब्जे को लेकर बड़ा मामला सामने आया है। सामाजिक कार्यकर्ता साद बीन मुबारक (निवासी – दुखी नगर, जालना) ने वन परिक्षेत्र अधिकारी (उ. प्रा.) को एक विस्तृत निवेदन सौंपते हुए वनपाल भाऊसाहेब राऊत और रामनगर के वनरक्षक पर भ्रष्टाचार, अवैध वसूली और माफियाओं से मिलीभगत के गंभीर आरोप लगाए हैं।

साद बीन मुबारक का कहना है कि जिले में बड़े पैमाने पर अवैध लकड़ी की कटाई हो रही है, और इस पूरे नेटवर्क को वनपाल राऊत का संरक्षण प्राप्त है। आरोप है कि राऊत हर महीने लकड़ी माफियाओं से 3 से 4 लाख रुपये तक की अवैध वसूली करता है। विभाग की ओर से रहने की सुविधा उपलब्ध होने के बावजूद वह महंगे फ्लैट में किराए से रह रहा है और रोज़ाना किराए की गाड़ियों पर हजारों रुपये खर्च करता है।

इतना ही नहीं, शिकायत में आरोप लगाया गया है कि राऊत ने वन विभाग की ग़ैरान जमीनों पर भूमाफियाओं को कब्जा करवाकर उनसे मोटी रकम वसूली है और इन कब्जेदारों से किराया भी वसूल रहा है। इस भ्रष्टाचार और सांठगांठ के कारण जिले की वन संपदा को भारी नुकसान पहुँच रहा है।

सामाजिक कार्यकर्ता ने मांग की है कि वनपाल राऊत को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए और उसके भ्रष्टाचार की जांच लाचलुचपत प्रतिबंधक विभाग (एंटी करप्शन ब्यूरो) से कराई जाए। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वन विभाग की संपत्ति और सरकारी ज़मीनें भूमाफियाओं के कब्जे में जाती रहेंगी और आम नागरिकों को गंभीर संकट का सामना करना पड़ेगा।

अब पूरा जिला इस बात पर नजर गड़ाए बैठा है कि वन विभाग और प्रशासन इस गंभीर शिकायत पर क्या कदम उठाता है।

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