लोणार में शौचालयों पर करोड़ों का खर्च, लेकिन नागरिक गंदगी की मार झेलने को मजबूर

लोणार: (प्रतिनिधि–फिरदोस खान पठान) लोणार नगरपरिषद द्वारा हर सार्वजनिक शौचालय पर लगभग 50 से 60 लाख रुपये खर्च किए जाने का दावा किया गया है। लेकिन भारी-भरकम रकम खर्च होने के बावजूद इन शौचालयों का वास्तविक लाभ नागरिकों को नहीं मिल पा रहा है।
मापारी गली, सब्जी मंडी, बाबासाहेब आंबेडकर एरिया, मालीपेठ जैसे इलाकों में करोड़ों रुपये खर्च कर बनाए गए शौचालय कागजों पर तो मौजूद हैं, लेकिन वास्तविक स्थिति बिल्कुल विपरीत है। नियमित सफाई कर्मचारी न होने से यहां गंदगी का अंबार लगा हुआ है।
नगरपरिषद प्रशासन की लापरवाही के कारण गंदगी लगातार बढ़ रही है। सड़े-गले पानी, दुर्गंध और मच्छरों के प्रकोप से डेंगू, मलेरिया और गैस्ट्रो जैसी बीमारियों का बड़ा खतरा मंडरा रहा है।
हर शौचालय पर 50 से 60 लाख रुपये खर्च किए जाने का दावा होने के बावजूद नागरिकों को इसका लाभ नहीं मिल रहा, बल्कि उनके स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ रहा है। जनता के कर से आया पैसा इस तरह बर्बाद करना नागरिकों के साथ सीधा विश्वासघात माना जा रहा है।
इस गंभीर स्थिति का खुलासा राष्ट्रीय विश्वगामी पत्रकार संघ के तालुकाध्यक्ष और खोज मास्टर तालुका प्रतिनिधि तानाजी मापारी ने स्वयं स्थल निरीक्षण कर किया है।
अब नागरिक सवाल पूछ रहे हैं – “करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद हमें गंदगी, दुर्गंध और बीमारियां ही क्यों मिल रही हैं?”
यदि प्रशासन ने तुरंत जिम्मेदारी लेकर सफाई व्यवस्था के लिए ठोस कदम नहीं उठाए, तो नाराज नागरिक सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं।
