सुलतानपुर में जमीन विवाद ने पकड़ा तूल – शेतकरी का खेत पर आमरण अनशन शुरू

लोणार: (प्रतिनिधि–फिरदोस खान पठान) मौजे सुलतानपुर, तहसील लोणार के गट नंबर 885 में किसानों का पिछले 50 से 60 वर्षों से अतिक्रमण है, जिसके पुख्ता सबूत भी मौजूद हैं। इनमें 1990 से पहले के दंड की पावती और शासन से बार-बार किया गया भाड़ेपट्टा (पट्टे) के लिए निवेदन शामिल है। लेकिन शासन द्वारा नियुक्त राजस्व अधिकारियों की मनमानी के चलते किसान आज तक अपनी जमीन के सातबारा से वंचित हैं।
इसी गट में 50 से 60 वर्षों से खेती कर रहे किसानों की उपजाऊ और सिंचित जमीन को शासन ने योग और आयुर्वेद अस्पताल बनाने के लिए प्रस्तावित किया है। जिस जमीन को किसानों ने तिल-तिल मेहनत से संजोकर रखा, उसी पर उनके परिवार का जीवनयापन चलता है। लेकिन स्थानीय राजस्व कर्मचारी और अधिकारियों ने शासन को गलत रिपोर्ट भेजकर जमीन को पडीक (बंजर) बताया।
इस गलत रिपोर्ट के कारण शासन ने यहाँ अस्पताल बनाने का निर्णय लिया। आक्रोशित किसानों का कहना है कि गलत रिपोर्ट देने वाले अधिकारी-कर्मचारियों और पदाधिकारियों पर अपराध दर्ज कर उन्हें बर्खास्त किया जाए। साथ ही 1990 से पहले की पावती मान्य कर नियमों के अनुसार किसानों को भाड़ेपट्टा देकर सातबारा में नाम दर्ज किया जाए।
इन्हीं मांगों को लेकर नागवंशी सामाजिक संगठन के सर्वेसर्वा नागवंशी संघपाल पनाड और आम्रपाल भाऊ वाघमारे के नेतृत्व में किसानों ने मौजे सुलतानपुर के गट नंबर 885 में खेत के बांध पर ही प्राणांतिक आमरण अनशन शुरू कर दिया है। यह अनशन आज सोमवार, दिनांक 8 सितंबर 2025 से आरंभ हुआ, जिसमें बबन ग्यानू पनाड, हसन खान, मेहताब खान पठान, रामेश्वर राजहंस जावळे और शुभम संजय पनाड ने भाग लिया।
