औरंगाबाद: अतिक्रमण हटाने से बेघर परिवारों को मिलेंगे मुफ्त घर – सरकार का निर्णय

औरंगाबाद शहर में सड़क विकास, पानी आपूर्ति व्यवस्था, सीवेज ट्रीटमेंट और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से बेघर हुए परिवारों को घर उपलब्ध कराने जैसे मुद्दों की समीक्षा उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज की।
श्री शिंदे ने निर्देश दिए कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में बेघर हुए परिवारों को मोफत घर उपलब्ध कराए जाएं। इसके लिए म्हाडा से घर उपलब्ध कराने की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए।
बैठक में बताया गया कि शहर में खाली हुई सड़कों के विकास के लिए मास्टर प्लान तैयार किया गया है। साथ ही पानी आपूर्ति व्यवस्था का प्रस्तुतीकरण उपमुख्यमंत्री के समक्ष किया गया। मार्च 2026 तक रोजाना पानी आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए चरणबद्ध योजनाएं चलाई जा रही हैं। पहला चरण 26 एमएलडी का पूरा हो चुका है, जबकि दूसरा चरण नवंबर तक 200 एमएलडी आपूर्ति शुरू करेगा। इस योजना को पूरा करने के लिए 822 करोड़ रुपए का कर्ज लिया जाएगा।
सड़क विकास प्रकल्प के लिए 1950 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसमें 44.5 किलोमीटर सड़क, 12 फ्लाईओवर, अंडरपास और अन्य मार्गों का विकास शामिल है। यह काम तीन चरणों में किया जाएगा – 2025-26 में 390 करोड़, 2026-27 में 1170 करोड़ और 2027-28 में 390 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
सीवेज ट्रीटमेंट प्रकल्प पर 830 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं और यह योजना 75% तक पूर्ण हो चुकी है। जून तक इसे पूरी तरह पूरा कर लिया जाएगा।
श्री शिंदे ने निर्देश दिए कि –
- महापालिका अपने आय स्रोत बढ़ाए।
- शुद्ध किए गए सीवेज पानी का औद्योगिक उपयोग करने के लिए एमआईडीसी से करार किया जाए।
- अतिक्रमण हटाने से बेघर हुए परिवारों को तुरंत घर उपलब्ध कराए जाएं।
- शहर में यातायात सुगम बनाने के लिए मास्टर प्लान के अनुसार सड़क विकास किया जाए।
- अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत पंचनामा कर किसानों को मदद दी जाए।
- जालना–नांदेड़ मार्ग के भू-अधिग्रहण में किसानों की मूल्यांकन से संबंधित मांग की जांच की जाए।
बैठक होटल रामा में आयोजित की गई थी, जिसमें सामाजिक न्याय मंत्री व जिल्हा पालक मंत्री संजय शिरसाट, विधायक अर्जुन खोतकर, विधायक रमेश बोरनारे, विभागीय आयुक्त जितेंद्र पापळकर, मनपा आयुक्त जी. श्रीकांत, जिल्हा परिषदेचे सीईओ अंकित, सिडको सीईओ जगदीश मिनियार, विशेष पोलीस महानिरीक्षक वीरेंद्र मिश्र, पोलीस आयुक्त प्रवीण पवार, पोलीस अधीक्षक डॉ. विनयकुमार राठोड और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
