जालना जिले के बाढ़ग्रस्त गांवों का पालकमंत्री पंकजा मुंडे ने किया दौरा, किसानों और नागरिकों को त्वरित मदद का आश्वासन

जालना/कादरी हुसैन
जालना जिले में हुई मूसलधार बारिश के चलते गोदावरी नदी उफान पर आ गई है। नदी का पानी कई गांवों में घुसने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। घरों में पानी भर गया, नागरिक फँस गए और किसानों की फसलें भारी नुकसान की चपेट में आ गईं। इसी हालात का जायज़ा लेने सोमवार को पालकमंत्री श्रीमती पंकजा मुंडे ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।

मुंडे ने परतूर तहसील के गोळेगांव, घनसावंगी तहसील के भेंडाळा, कुंभार पिंपलगांव, मच्छिंद्रनाथ चिंचोली और अंबड तहसील के सुखापुरी व शहापूर गांवों का दौरा कर नागरिकों से संवाद किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार हर प्रभावित परिवार तक त्वरित सहायता पहुँचाएगी।

उन्होंने कहा कि प्रशासन ने पंचनामे का काम शुरू कर दिया है और सरकार किसानों व बाढ़पीड़ितों को तात्कालिक मदद देगी। “नागरिकों को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, सरकार आपके साथ खड़ी है,” ऐसा विश्वास भी उन्होंने दिलाया।
गोळेगांव के पुनर्वसन का मुद्दा वर्षों से लंबित है। इस विषय को अगली मंत्रिमंडल बैठक में उठाकर उसका समाधान किया जाएगा, ऐसा भरोसा उन्होंने स्थानीय लोगों को दिया। बाढ़ से बेघर हुए परिवारों के लिए तत्काल रहने और भोजन की व्यवस्था करने के निर्देश भी उन्होंने प्रशासन को दिए।

मुंडे ने स्पष्ट किया कि नियम अनुसार जहां 65 मिमी से अधिक वर्षा होती है, वहां अतिवृष्टि घोषित की जाती है। लेकिन जिले में यदि किसी क्षेत्र में 65 मिमी से कम बारिश हुई हो और फिर भी भारी नुकसान हुआ हो, तो वहां भी पंचनामे करने का आदेश प्रशासन को दिया गया है। साथ ही वर्षामापक यंत्रों की जाँच करने के भी निर्देश दिए।
इस अवसर पर परतूर के विधायक बबनराव लोणीकर, घनसावंगी के विधायक हिकमत उडाण, जिलाधिकारी आशिमा मित्तल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी पी.एम. मिनु, परतूर के एसडीओ पद्माकर गायकवाड, तहसीलदार प्रतिभा गोरे, घनसावंगी के एसडीओ उमाकांत पारधी, तहसीलदार पूजा वंजारी, तहसीलदार विजय चव्हाण और अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।
