जालना में वक़्फ़ बोर्ड का दफ़्तर बारिश में डूबा – रिकॉर्ड बर्बादी की कगार पर, जनता में आक्रोश

जालना/कादरी हुसैन
जालना शहर में हुई मूसलधार बारिश ने वक़्फ़ बोर्ड कार्यालय की हकीकत उजागर कर दी। काली मस्जिद के बगल की जर्जर इमारत में संचालित यह दफ़्तर पानी से भर गया, जिससे वहाँ रखी अहम फ़ाइलें और रिकॉर्ड डूबकर नष्ट होने की कगार पर पहुँच गए।
शहरवासियों का आक्रोश अब कई गंभीर सवाल खड़े कर रहा है –
- करोड़ों की वक़्फ़ संपत्ति होने के बावजूद सुरक्षित और आधुनिक दफ़्तर क्यों नहीं बनाया गया?
- भाजी मंडी कादराबाद क्षेत्र में वक़्फ़ बोर्ड की पुरानी ऑफिस ज़मीन खाली क्यों पड़ी है?
- वह ज़मीन हज़रत जन्नुल्लाह शाह साहब कादरी (र.अ) दरगाह कमेटी के कब्ज़े में कैसे पहुँची और वहाँ से बाकायदा दफ़्तर कैसे चलाया जा रहा है?
स्थानीय लोगों का कहना है कि अरबों की वक़्फ़ संपत्ति का सही दिशा में उपयोग न होने के कारण ही ऐसी स्थिति पैदा हुई है। जालना का वक़्फ़ बोर्ड कार्यालय आज भी बदहाल और जर्जर इमारतों में चल रहा है, जो न सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही बल्कि सीधी बदइंतज़ामी का सबूत है।
जनता का गुस्सा खुलकर सामने आ रहा है। लोगों का कहना है कि जब तक जालना में वक़्फ़ बोर्ड का नया, पक्का और सुरक्षित दफ़्तर नहीं बनता, तब तक रिकॉर्ड और समुदाय की वक़्फ़ संपत्ति दोनों खतरे में रहेंगे।
अब बड़ा सवाल यही है कि आखिर कब तक वक़्फ़ बोर्ड का दफ़्तर बारिश में डूबता रहेगा और जिम्मेदार अधिकारी खामोश बने रहेंगे?
