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जुल्म के खिलाफ बुलंद आवाज़ : सुन्नी जमीयतुल उलेमा व रज़ा अकादमी का वादा – असीराने तफ़ुज्ज़-ए-नामूस-ए-रिसालत की कानूनी पैरवी और घरों की ज़िम्मेदारी हम उठाएंगे

जालना/कादरी हुसैन

रविवार की शाम जालना शहर के केजीएन रोड, दुखी नगर स्थित सैयद जमील मौलाना के घर खसरे गरीब नवाज में आयोजित छठी शरीफ़ की महफ़िल जज़्बात और ग़म-ग़ुस्से से सराबोर रही। इस मौके पर मौजूद उलेमा-ए-किराम और समाज के जिम्मेदारान ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की जारेहाना और जालिमाना कार्यवाहियों की कड़ी निंदा करते हुए साफ कहा कि अब यह नाइंसाफी और बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

महफ़िल में यह बड़ा ऐलान किया गया कि बरेली शरीफ में मौलाना तौकीर रज़ा समेत तमाम असीराने तफ़ुज्ज़-ए-नामूस-ए-रिसालत की गिरफ्तारी के बाद उनकी कानूनी लड़ाई अदालत में लड़ी जाएगी। उनकी पैरवी और उनके घरों की किफ़ालत (घर-परिवार की जिम्मेदारी) की पूरी जिम्मेदारी ऑल इंडिया सुन्नी जमीयतुल उलेमा के सदर अल्लामा मौलाना मोईनुद्दीन अशरफ साहब और रज़ा अकादमी के बानी व असीरे मुफ़्ती-ए-आज़म मौलाना सईद नूरी साहब ने अपने जिम्मे ली है।

महफ़िल का माहौल तब और ग़मगीन और ग़ुस्से से भरा हुआ हो गया जब बताया गया कि कानपुर में “आई लव मुहम्मद ﷺ” का बैनर हटाए जाने के बाद मुल्क के कई हिस्सों में मुसलमानों ने परचम-ए-एहतिजाज बुलंद किया। वहीं जुमे के दिन बरेली शरीफ में पुलिस ने पूरे मुस्लिम समाज पर लाठियां बरसाकर कई लोगों को जख्मी कर दिया। इस जुल्म और ज्यादती की गूंज महफ़िल में सुनाई दी और तमाम उलेमा ने इस कार्रवाई की सख्त निंदा की।

इस मौके पर बड़ी तादाद में उलेमा और जिम्मेदारान मौजूद रहे। जिनमें सैयद जमील मौलाना, हाफिज काजी सैय्यद उमर, मौलाना नौशाद रज़ा, मौलाना अरमान अलीमी, मौलाना फैज़ रज़ा, हाफिज अमजद रज़वी, मौलाना तौफीक मिस्बाही, हाफिज अनीस अशरफी, हाफिज मुनव्वर रज़वी, हाफिज सरताज रज़वी, एडवोकेट अरशद बागवान, ग़ुलाम महबूब, अय्यूब खान और हाजी अब्दुल अज़ीज़ ममदानी के नाम ख़ास तौर पर काबिले-ज़िक्र हैं।

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