ब्याज-मुक्त ऋण से जीडीपी मजबूत होगी, किसानों की आत्महत्या रुकेगी – मौलाना इलियास फलाही

औरंगाबाद/ रिपोर्ट: कादरी हुसैन
देश में बेरोजगारी, किसानों की आत्महत्या और छोटे व्यवसायियों की निराशा लगातार बढ़ रही है। इसका सबसे बड़ा कारण कर्ज पर ब्याज का बोझ है, जिसने गरीब और मध्यमवर्गीय समाज को जकड़ लिया है। यदि देश में ब्याज-मुक्त बैंकिंग प्रणाली (इस्लामिक मॉडल) को प्रोत्साहन दिया जाए, तो देश की जीडीपी में वृद्धि होगी और किसानों की आत्महत्याओं पर रोक लगाई जा सकती है। यह प्रतिपादन प्रसिद्ध इस्लामिक स्कॉलर मौलाना इलियास फलाही ने किया।
शनिवार शाम हज हाउस सभागार में आयोजित अल खैर बैतुल माल सहकारी पतसंस्था की 23वीं वार्षिक सर्वसाधारण सभा में बोलते हुए उन्होंने कहा कि “गरीबों को ब्याज के जाल में फँसाकर तरह-तरह की स्कीमें दिखाकर लूटा जा रहा है। नतीजा यह है कि गरीब और गरीब होता जा रहा है जबकि अमीर और अमीर बन रहा है। इस खाई को पाटने के लिए ब्याज-मुक्त कर्ज देना समय की जरूरत है।”
फलाही ने कहा कि विश्व बैंक के आँकड़े भी बताते हैं कि इस्लामिक बैंकिंग को प्रोत्साहन देने से किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है। यदि भारत इस मॉडल को अपनाए तो न केवल किसानों की आत्महत्याओं में कमी आएगी बल्कि युवाओं और छोटे उद्यमियों को भी राहत मिलेगी।
संस्था का प्रभाव
पिछले 22 वर्षों से अल खैर बैतुल माल पतसंस्था ने हजारों जरूरतमंदों को राहत दी है। अब तक 27,597 खाताधारकों ने संस्था से लाभ उठाया है। संस्था सिर्फ 1% सर्विस चार्ज लेकर सोना गिरवी रखकर ब्याज-मुक्त ऋण उपलब्ध कराती है। वर्तमान में संस्था के पास 16,000 सक्रिय खाताधारक हैं और हर महीने लगभग 500 नए जरूरतमंदों को ब्याज-मुक्त ऋण दिया जा रहा है।
भविष्य में संस्था की नई शाखाएँ जटवाडा रोड, सईदा कॉलोनी, पडेगांव और मिसारवाड़ी में शुरू की जाएँगी। छोटे उद्योगों, ठेले पर व्यवसाय करने वालों, वाहन खरीदने वालों और यहाँ तक कि मुस्लिम धर्मगुरुओं के लिए भी ब्याज-मुक्त ऋण की विशेष योजना लागू की जा रही है।
महाराष्ट्र में नेटवर्क और पूंजी
संस्था के चेयरमैन इंजि. वाजिद कादरी ने जानकारी दी कि वर्तमान में महाराष्ट्र की 16 सहकारी पतसंस्थाओं की 19 शाखाएँ कार्यरत हैं और इसे बढ़ाकर जल्द 40 शाखाओं तक ले जाने का लक्ष्य है। संस्था का कुल खेळता भांडवल 730 करोड़ रुपये है। अब तक 128 करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त ऋण वितरण, 20 करोड़ रुपये का कैपिटल शेयर और 92 करोड़ रुपये की एफडी जमा की जा चुकी है।
उन्होंने नागरिकों को सावधान करते हुए कहा कि संस्था के नाम पर ऑनलाइन धोखाधड़ी की घटनाएँ हो रही हैं, जबकि वर्तमान में संस्था का सारा लेन-देन ऑफलाइन है। आगे चलकर ऑनलाइन बैंकिंग शुरू की जाएगी, लेकिन तब तक किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी की जिम्मेदारी संस्था की नहीं होगी।
ईमानदारी से काम करने का आह्वान
जमात-ए-इस्लामी हिंद के महाराष्ट्र उपाध्यक्ष सय्यद जमीर कादरी ने कहा कि यदि नागरिक ईमानदारी और भरोसे के साथ इस्लामिक मॉडल पर व्यापार और उद्योग करें तो उनकी तरक्की को कोई नहीं रोक सकता। जरूरतमंदों को आत्मनिर्भर बनाने और समाज में आर्थिक संतुलन कायम करने के लिए ब्याज-मुक्त ऋण सबसे सशक्त माध्यम है।
कार्यक्रम की शोभा
सभा की अध्यक्षता मौलाना इलियास फलाही ने की। संचालन शेख नासेर पाशू ने किया। इस अवसर पर जमात-ए-इस्लामी हिंद के शहराध्यक्ष सलमान मुकर्रम सिद्दीकी, सुनील वाकेकर, सचिव नासेर जोहरी, संचालक अन्वर हुसेन, अब्दुल कवी फलाही, सलीम हाशमी, कदीर खान, अ. जव्वाद कादरी, श्रीमती फहेमुन्निसा बेगम, शाकेरा खानम, मौलाना अब्दुल शिकुर, मौलाना डॉ. अब्दुल रशीद मदनी, शाइस्ता कादरी, शाखा प्रबंधक हाफिज हबीबुल्लाह, मोहम्मद अकबर और अहमद मोहिय्योद्दीन सहित अनेक गणमान्य उपस्थित थे।
