औरंगाबाद महापालिका की अंतिम प्रभाग रचना घोषित, एमआईएम को सबसे बड़ा झटका – महायुती के पूर्व नगरसेवकों को लाभ

औरंगाबाद/प्रतिनिधि
राज्य सरकार द्वारा जारी औरंगाबाद महापालिका की अंतिम प्रभाग रचना के बाद अब राजनीतिक दलों में ‘कहीं खुशी, कहीं ग़म’ जैसा माहौल है। सत्ताधारी महायुती के कई पूर्व नगरसेवकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रभाग बनाए गए हैं, जबकि एआईएमआईएम (AIMIM) के कई मजबूत वार्ड टूट गए हैं। इसके चलते कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गट) और अन्य विरोधी दलों ने इस रचना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
महानगरपालिका चुनाव की तैयारी में शासन ने 5 अक्टूबर 2025 को अंतिम प्रभाग रचना प्रकाशित की। बताया जा रहा है कि यह रचना महायुती के माजी नगरसेवकों के लिए अनुकूल है। वहीं, आरक्षण की लॉटरी को लेकर अब सबकी निगाहें टिकी हैं। विरोधी दलों का आरोप है कि यह रचना सत्ता पक्ष को लाभ पहुंचाने के लिए की गई है।
एमआईएम के कई प्रभावशाली वार्डों की तोड़फोड़ से पार्टी को नुकसान पहुंचा है, जबकि शिवसेना (यूबीटी) के कुछ नगरसेवकों को आंशिक रूप से लाभदायक प्रभाग मिले हैं।
पहले प्रारूप रचना पर 552 आपत्तियां और सुझाव दर्ज किए गए थे। 4 सितंबर तक की समय सीमा में प्राप्त इन आपत्तियों पर सुनवाई के बाद महापालिका आयुक्त ने ज़ोन अधिकारियों और नगररचना विभाग की टीम से जांच करवाई। रिपोर्ट शासन को भेजी गई और 3 अक्टूबर को राज्य निर्वाचन आयोग ने अंतिम रचना को मंजूरी दे दी।
बदलावों की जानकारी नहीं दी गई
आपत्तियां दर्ज कराने वालों में इस बात की उत्सुकता रही कि अंतिम प्रभाग रचना में क्या परिवर्तन किए गए हैं। लेकिन आयोग ने इसके बारे में कोई स्वतंत्र जानकारी उपलब्ध नहीं कराई, जिससे प्रारूप और अंतिम आराखड़े की तुलना कर बदलावों का पता लगाने की कोशिशें शुरू हो गईं।
किन प्रभागों में हुए प्रमुख बदलाव
प्रभाग क्रमांक 2 में भारत मातानगर, छत्रपतीनगर, सारा वैभव, महमुदपुरा, फरहतनगर और एन-13 क्षेत्र जोड़े गए हैं।
प्रभाग क्र. 3 में गणेश कॉलनी, चाऊस कॉलनी, हिमायत बाग शामिल किए गए।
प्रभाग क्र. 8 में मारुतीनगर, भवानीनगर, नारेगांव,
प्रभाग क्र. 9 में चिकलठाणा, सावित्रीनगर, पटेलनगर, वसंतनगर (आंशिक), मिसारवाडी,
और प्रभाग क्र. 10 में सावरकरनगर, अष्टविनायकनगर और मायवर्ल्ड क्षेत्र जोड़े गए हैं।
FAQs
1. औरंगाबाद महापालिका की अंतिम प्रभाग रचना कब जारी हुई?
राज्य सरकार ने इसे 5 अक्टूबर 2025 को आधिकारिक रूप से जारी किया।
2. किस पार्टी को सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ है?
एमआईएम के कई मजबूत वार्ड टूटने से पार्टी को सबसे अधिक नुकसान हुआ है।
3. शिवसेना (यूबीटी) की प्रतिक्रिया क्या है?
शिवसेना (महाविकास आघाडी) ने इस रचना को अन्यायपूर्ण बताते हुए सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाया है।
4. महायुती की प्रतिक्रिया क्या रही?
महा-युती ने फिलहाल इस मुद्दे पर तटस्थ रुख अपनाया है और कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
5. इस रचना का चुनावी असर क्या होगा?
नई प्रभाग रचना से स्थानीय राजनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव आएगा और आगामी चुनावों में दलों का गणित पूरी तरह से बदल सकता है।
