Breaking NewsCrime NewsJalna

दो महीने से फरार कुख्यात आरोपी लक्ष्मण गोरे जलगांव से गिरफ्तार — देसी कट्टा व जिंदा कारतूस बेचने का भी खुलासा

जालना/कादरी हुसैन

जालना पुलिस की स्थानीय अपराध शाखा (L.C.B.) ने दो महीने से फरार चल रहे कुख्यात आरोपी लक्ष्मण किसन गोरे को जलगांव से गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। आरोपी पर जालना तालुका पुलिस थाने में कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

पुलिस अधीक्षक अजयकुमार बंसल द्वारा अपराधियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश मिलने के बाद, स्थानीय अपराध शाखा के पुलिस निरीक्षक पंकज जाधव की टीम ने आरोपी की तलाश तेज़ कर दी थी।

कई मामलों में नामजद था आरोपी

दिनांक 30 सितंबर 2025 को फिर्यादी अशोक भोसले के घर में तोड़फोड़ कर उन्हें जान से मारने की धमकी देने के आरोप में लक्ष्मण गोरे और उसके साथियों पर मामला दर्ज किया गया था।
इसके अलावा, 19 अगस्त 2025 को कृष्णा भोपळे नामक युवक के साथ मारपीट और धमकी देने के आरोप में भी उस पर केस दर्ज है।
इतना ही नहीं, श्रीमती कल्याणी तौर की शिकायत पर उनके दिवंगत पति की बदनामी के लिए इंस्टाग्राम पर आपत्तिजनक पोस्ट करने का मामला भी लक्ष्मण गोरे के खिलाफ सायबर थाने में दर्ज किया गया था।

जलगांव से हुई गिरफ्तारी

इन सभी मामलों में फरार चल रहे आरोपी का ठिकाना पुलिस ने तकनीकी विश्लेषण और गुप्त जानकारी के माध्यम से जलगांव में पता लगाया। इसके बाद दिनांक 25 अक्टूबर 2025 को स्थानीय गुन्हे शाखा की टीम ने जलगांव जाकर गोरे को गिरफ्तार किया।

देसी कट्टा और कारतूस का खुलासा

पूछताछ के दौरान आरोपी ने खुलासा किया कि उसने अपना देसी कट्टा और दो जिंदा कारतूस जालना निवासी आतिष प्रकाश पाटोळे को बेचे थे। इस जानकारी के आधार पर पुलिस ने आतिष पाटोळे को उसी दिन पाठक मंगल कार्यालय, जालना से गिरफ्तार किया और उसके पास से ₹30,200 मूल्य का देसी कट्टा व दो जिंदा कारतूस बरामद किए।

आतिष पाटोळे ने पूछताछ में बताया कि उसने यह पिस्तौल अपने मित्र कुलदीप उर्फ जज्या जगधने को रखवाई थी, जो फिलहाल फरार है।
इस संबंध में कदौम जालना पुलिस थाने में पो.उपनि. राजेंद्र वाघ की फिर्याद पर मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस की सराहनीय कार्रवाई

यह पूरी कार्रवाई पुलिस अधीक्षक अजयकुमार बंसल, अपर पुलिस अधीक्षक आयुष नोपाणी, और उपविभागीय पुलिस अधिकारी अनंत कुलकर्णी के मार्गदर्शन में की गई।
ऑपरेशन में पुलिस निरीक्षक पंकज जाधव, सपोनि. योगेश उबाळे, सपोनि. सचिन खामगळ, पो.उपनि. राजेंद्र वाघ, तथा कर्मचारी रामप्रसाद पहरे, गोपाल गोशिक, प्रभाकर वाघ, रमेश राठोड, लक्ष्मीकांत आडेप, सागर बाविस्कर, इरशाद पटेल, संदीप चिंचोले, सतीश श्रीवास और रमेश काळे शामिल थे।

जालना पुलिस के इस समन्वित अभियान ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि अपराधियों के लिए अब जिले में कोई जगह नहीं बची है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button