नागरिक ई-कचरा संग्रहण अभियान में करें भागीदारी — जिलाधिकारी आशिमा मित्तल

जालना/कादरी हुसैन
जिलाधिकारी कार्यालय, जालना तथा नेचर ईको बिल्डिंग प्रा. लि. — जो कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल में पंजीकृत संस्था है — के सहयोग से जिलास्तरीय ई-कचरा संग्रहण अभियान 28 से 31 अक्टूबर 2025 के दौरान आयोजित किया गया है।
इस अवसर पर जिलाधिकारी आशिमा मित्तल ने जिले के सभी नागरिकों से अपील की है कि वे अपने घरों में पड़े पुराने ई-कचरे को जिलाधिकारी कार्यालय के मुख्य सभागार में जमा कर इस अभियान में सहभागी बनें।
भारत में हर वर्ष लगभग 1.6 मिलियन टन से अधिक ई-कचरा उत्पन्न होता है। इनमें से अधिकांश कचरे का निपटारा अनधिकृत और असुरक्षित तरीकों से किया जाता है, जिससे पर्यावरण पर गंभीर दुष्परिणाम देखने को मिलते हैं।
इसी पार्श्वभूमी पर नागरिकों को वैज्ञानिक और पर्यावरण-सुरक्षित तरीके से ई-कचरे के निपटारे के लिए प्रोत्साहित करने हेतु भारत सरकार के खान मंत्रालय तथा जवाहरलाल नेहरू एल्युमिनियम रिसर्च डेवेलपमेंट एंड डिज़ाइन सेंटर के संयुक्त तत्वावधान में “स्वच्छतोत्सव अभियान” के अंतर्गत यह उपक्रम आयोजित किया गया है।
इस अभियान के दौरान सभी विभाग प्रमुखों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने विभागों के कार्यालयों से तथा अधिकारियों व कर्मचारियों के घरों से पुराने कंप्यूटर, प्रिंटर, मॉनिटर, मोबाइल, बैटरी, यूपीएस, फैक्स मशीन, स्कैनर आदि ई-कचरे को वर्गीकृत कर जिलाधिकारी कार्यालय के मुख्य सभागार में जमा करें।
ई-कचरा जमा करने वालों को प्रति यूनिट या प्रति किलोग्राम के हिसाब से मूल्य भी प्रदान किया जाएगा।
इस अभियान का उद्देश्य कार्यालयों तथा घरों से उत्पन्न ई-कचरे को सुरक्षित और पर्यावरण-सम्मत ढंग से एकत्रित कर उसका उचित निपटारा करना है।
ई-कचरे को खुले में फेंकना, जलाना या तोड़ना अत्यंत हानिकारक है, क्योंकि इसमें मौजूद सीसा (Lead), पारा (Mercury), कैडमियम (Cadmium) जैसे विषैले तत्व मिट्टी, हवा और भूजल में मिलकर प्रदूषण फैलाते हैं और मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं।
जिलाधिकारी आशिमा मित्तल ने बताया कि यदि ई-कचरा पंजीकृत पुनर्चक्रणकर्ताओं को सुपुर्द किया जाए, तो प्रदूषण को रोका जा सकता है और साथ ही पुन: उपयोग योग्य धातुएं और घटक सुरक्षित रूप से प्राप्त किए जा सकते हैं।
