जालना में कांग्रेस को नई मजबूती — अब्दुल रशीद पहलवान के सैकड़ों समर्थक कांग्रेस में शामिल, राजनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव

जालना/कादरी हुसैन
जालना की राजनीति में कांग्रेस पार्टी को बड़ी ताकत मिल गई है। अब्दुल रशीद पहलवान के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं के कांग्रेस में शामिल होने से जिले के राजनीतिक समीकरणों में बड़ा परिवर्तन देखने को मिल रहा है। घोगरे स्टेडियम में आयोजित यह भव्य प्रवेश समारोह अत्यंत उत्साह और अनुशासनपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम में महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाळ, सांसद डॉ. कल्याण काळे, जिला पर्यवेक्षक अशोक पाटील निलंगेकर, जिलाध्यक्ष राजाभाऊ देशमुख, शहराध्यक्ष अतिक खान, अॅड. अकरम सय्यद, बदर चौस, कल्याण दळे, संजय मुथा, किरण पाटील डोंगांवकर, यूसुफ शेख, अब्दुल रऊफ, अनवर बापू देशमुख, वसीम भाई, खलील शेख, विनोद यादव सहित कई वरिष्ठ नेता और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
प्रदेशाध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाळ ने अपने संबोधन में कहा कि रशीद पहलवान का कांग्रेस में पुनः प्रवेश पार्टी के लिए नई ऊर्जा लेकर आया है। उन्होंने कहा —
“रशीद का अर्थ होता है समझदार और निष्ठावान। उनके आने से कांग्रेस को नई दिशा मिली है। मुझे विश्वास है कि आगामी नगर निगम चुनाव में जालना का महापौर कांग्रेस पार्टी का ही होगा।”
सांसद डॉ. कल्याण काळे ने भी कहा कि कुछ पूर्व विधायकों के मनमानी रवैये से कांग्रेस को नुकसान हुआ था, लेकिन रशीद पहलवान के जुड़ने से पार्टी में संगठनात्मक मजबूती आई है। उन्होंने कहा —
“पूर्व विधायक खुद को ही केंद्र में रखकर निर्णय लेते थे, लेकिन अब कांग्रेस का दौर लौट रहा है। आने वाला समय कांग्रेस और जनता का होगा।”
कांग्रेस का झंडा थामते हुए अब्दुल रशीद पहलवान ने कहा कि वे जनता के विश्वास पर खरा उतरेंगे। उन्होंने कहा —
“हम सड़कों पर उतरकर जनता की आवाज़ बनेंगे। कांग्रेस जनता के दिलों में फिर से अपनी जगह बनाएगी। आने वाले चुनाव में जनता खुद तय करेगी कि महापौर कौन बनेगा — और वह कांग्रेस का होगा।”
इस अवसर पर प्रतापराव लहाने पाटील, माजिद खान, सय्यद रहीम, इमरान खान, फारूक तुंडीवाले, अकबर खान, कृष्णा पडुळ, शहेबाज फौजी, अमजद खान, वसीम शेख, कलीम खान, अजय बनकर, नजीब सर, तौफीक भाई सहित बड़ी संख्या में स्थानीय कार्यकर्ता और नागरिक शामिल हुए।
इस प्रवेश समारोह के साथ ही कांग्रेस पार्टी ने जालना में अपनी उपस्थिति को और अधिक सशक्त बना लिया है, जिससे आगामी स्थानीय स्वराज्य चुनावों में कांग्रेस की स्थिति पहले से कहीं अधिक मजबूत मानी जा रही है।