जालना पुलिस की बड़ी सफलता — AHTU टीम ने अपहृत पीड़िता और आरोपी का पता लगाकर वर्षभर पुराना मामला सुलझाया

जालना/कादरी हुसैन
अनैतिक मानव तस्करी प्रतिबंधक कक्ष (AHTU), जालना ने उत्कृष्ट कार्य करते हुए वर्ष 2024 में दर्ज अपहरण मामले की गुत्थी सुलझा ली है। टीम ने अपहृत पीड़िता और आरोपी दोनों को एक वर्ष बाद सुरक्षित बरामद कर पुलिस थाने के हवाले किया है।
जानकारी के अनुसार, पुलिस थाना कदीम जालना में दिनांक 29 अक्टूबर 2024 को अपराध क्रमांक 439/2024 भारतीय दंड संहिता की धारा 137(2) के तहत मामला दर्ज किया गया था। परंतु लंबे समय तक पीड़िता और आरोपी दोनों का कोई सुराग नहीं मिल सका था।
मामले की गंभीरता को देखते हुए, माननीय पुलिस अधीक्षक अजय कुमार बंसल के आदेशानुसार यह जांच दिनांक 20 अगस्त 2025 को AHTU जालना को सौंपी गई।
जांच के दौरान AHTU टीम ने तकनीकी विश्लेषण और गुप्त सूत्रों की मदद से आरोपी की पहचान की। सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर टीम को पता चला कि आरोपी और पीड़िता दोनों म्हाडा कॉलोनी, मत्सोदरी कॉलेज के पीछे, जालना में रह रहे हैं।
सूचना की पुष्टि के बाद AHTU टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों को मौके से ताबे में लिया और आगे की जांच के लिए कदीम जालना पुलिस थाने में सुपुर्द किया।
यह सफल कार्रवाई पुलिस अधीक्षक अजय कुमार बंसल, अपर पुलिस अधीक्षक आयुष नोपाणी, उपविभागीय पुलिस अधिकारी अनंत कुलकर्णी, तथा पुलिस निरीक्षक पंकज जाधव (स्थागुशा) के मार्गदर्शन में की गई।
कार्यवाही में शामिल अधिकारी व कर्मचारी —
प्रभारी अधिकारी पो.उप.नि. गणेश शिंदे, म.पो.उप.नि. दीपाली शिंदे, पो.उप.नि. रविंद्र जोशी, पो.उप.नि. संजय गवळी, पो.हे.का. कृष्णा देठे, पो.हे.का. सागर बाविसकर (स्थागुशा), पोलीस अमलदार रामेश्वर राउत (कदीम जालना), महिला अमलदार संगीता चव्हाण, पुष्पा खरटमल, आरती साबळे, रेणुका राठोड़, तथा चालक पोलीस अमलदार संजय कुलकर्णी शामिल थे।
AHTU जालना द्वारा की गई यह कार्रवाई न केवल प्रशंसनीय है बल्कि मानव तस्करी और महिला सुरक्षा के प्रति पुलिस विभाग की संवेदनशीलता का उत्कृष्ट उदाहरण भी पेश करती है।
